इसे लेकर भरतपुर जिले के बयाना में खेड़ली गड़ासिया निवासी राजपाल पुत्र प्रीतमराम प्रजापत ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि वे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अंदेश्वर में बतौर प्राध्यापक सेवारत है। और यहां सज्जनगढ़ कस्बे में विनोद प्रजापत के मकान का कमरा किराए पर लेकर सपरिवार रह रहे हैं। बुधवार सुबह वह रोज की तरह स्कूल गया।
पीछे 31 वर्षीया पत्नी सीमा कुमारी और तीन वर्षीय बेटा छत्रपतिराज उर्फ हैप्पी थे। सुबह करीब दस बजे सूचना मिली कि घर पर पत्नी की तबीयत खराब हो गई है। आनन-फानन में कमरे पर लौटा, तो सीमा उल्टियां करती दिखी। पूछा तो उसने जहरीली गोलियां खाना बताया। तब उसे सीएचसी सज्जनगढ़ ले गया।
प्राथमिक उपचार के बाद रैफर करने पर वह सीमा को लेकर बांसवाड़ा एमजी अस्पताल के लिए रवाना हुआ, लेकिन रास्ते में मौत हो गई। पिता से 3 साल की बेटी पूछती रही कि “पापा मम्मी कब आएगी? राजपाल ने सीमा को मानसिक तनाव में होना बताया। मामले पर मर्ग दर्ज कर एएसआई जगदीशप्रसाद ने शाम को कार्रवाई की।
ये बताई हकीकत
मामले को लेकर पूछताछ में प्राध्यापक प्रजापत ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी को दस साल हो चुके हैं पर सीमा उन पर शंका करती थी। स्थिति स्पष्ट कर उन्होंने अपने ससुर को भी हालात बताए। उन्होंने समझाइश भी की। खर्चों को लेकर संदेह पर वह अपना वेतन भी पूरा पत्नी को दे देता था।
बावजूद उसके वह आशंका से ग्रसित थी और बेवजह तनाव के बीच यह कदम उठाया। खुदकुशी की जानकारी पर मृतका के पिता ने शव भरतपुर लाने में दिक्कत बढऩे के मद्देनजर पुलिस कार्रवाई ही नहीं चाहने की सहमति दी, लेकिन पुलिस ने इसे आवश्यक माना और शाम को पोस्टमार्टम कराकर सौंपा। बाद में स्कूल स्टाफ के साथियों ने शव भिजवाने की व्यवस्था की।