डीएसपी गोपीचंद मीणा ने बताया कि इस संबंध में महेशपुरा पंचायत अंतर्गत सुरवानिया निवासी मृतक के पिता दिलीप पुत्र लक्ष्मणलाल पारगी ने शुक्रवार को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि करीब तीन साल पहले उसने छापरिया निवासी आशा पुत्री दिनेश निनामा से नातरा विवाह किया। उससे एक बेटा आयुष है। डेढ़ माह पूर्व आशा बच्चे को लेकर पीहर चली गई।
उसके बाद 3 अप्रेल की रात जब सास-ससुर और परिजन नोतरे में गए थे, तो पीछे आशा ने बच्चे का मुंह व नाक दबाकर दम घोंट दिया और हत्या कर खुद भाग गई। आशा की काकी नर्बदा जब लाइट चालू करने गई तो बच्चे को मृत देखा।
उसके बाद सूचना पर ससुराल के लोग एकत्र हुए और पुलिस भी पहुंची। मामले पर केस दर्ज कर थानाधिकारी जीवतराम मीणा के नेतृत्व में टीम ने अनुसंधान शुरू किया। इस क्रम में गठित टीम ने मुखबिर और तकनीकी मदद से शनिवार को आशा को गिरफ्तार किया। कार्रवाई दल में एएसआई प्रकाशचन्द्र, हैड कांस्टेबल बसुलाल, पार्वती, कांस्टेबल भागचन्द प्रदीप कुमार, मोनिका, दिलीप विकास व अशोक कुमार शामिल रहे।
धोखे से नातरा करने से थी खफा
पुलिस की पूछताछ में आरोपी आशा ने बताया कि दिलीप ने अविवाहित बताकर तीन साल पहले उससे नातरा किया। फिर ससुराल पहुंचने पर पता चला कि वह पहले से शादीशुदा है। उसके रवैए से वह छुटकारा चाहती थी, लेकिन डेढ़ साल के बच्चे के कारण अन्यत्र नारते में समस्या आ रही थी। इसलिए उसने बच्चे की हत्या कर दी।