कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय समिति ने बुधवार को विधानसभा में रिपोर्ट पेश की। इसमें समन्वय और पर्यवेक्षण के लिए ग्रेटर बेंगलूरु प्राधिकरण (जीबीए) के गठन और महापौर तथा उप महापौर के लिए 30 महीने के कार्यकाल का भी प्रावधान है।
पिछले साल जुलाई में ग्रेटर बेंगलूरु गवर्नेंस बिल को संयुक्त चयन समिति के पास भेजा गया था, जिसने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर को रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक नगर निगम की आबादी 10 लाख से कम नहीं होनी चाहिए और जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 5,000 निवासी होना चाहिए।
पिछली जनगणना के वर्ष में स्थानीय प्रशासन के लिए क्षेत्र से उत्पन्न राजस्व 300 करोड़ रुपए प्रति वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक निगम में गैर-कृषि गतिविधियों में 50 प्रतिशत रोजगार होना चाहिए।
विधानसभा के समक्ष रिपोर्ट पेश करते हुए अरशद ने कहा कि बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका की स्थापना 2008 में हुई थी, तब बेंगलूरु की जनसंख्या 70-75 लाख थी, जबकि अब 2025 में यह 1.50 करोड़ तक पहुंच गई है और बेंगलूरु में लगभग 1 करोड़ वाहन हैं। बीबीएमपी का क्षेत्रफल लगभग 786 वर्ग किलोमीटर है, जिसके लिए प्रशासन ग्यारह महीने के कार्यकाल वाले एक मेयर और एक आयुक्त द्वारा चलाया जाता है। उन्होंने कहा और कहा कि बीबीएमपी और शहर की अन्य एजेंसियां बिना किसी समन्वय के काम कर रहे हैं।
समिति की परिकल्पना है कि प्रत्येक नगर निगम में एक महापौर, एक आयुक्त, एक संयुक्त आयुक्त, स्थायी समितियां और वार्ड समितियां होनी चाहिए। ग्रेटर बेंगलूरु क्षेत्र में प्रत्येक नगर निगम का नाम बेंगलूरु दक्षिण नगर निगम, बेंगलूरु पूर्व नगर निगम आदि हाेना चाहिए। अरशद ने कहा कि समिति ने सत्ता के विकेंद्रीकरण, भ्रष्टाचार को कम करने और शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कुछ बदलावों की सिफारिश की है।
महापौर और उप महापौर का कार्यकाल 30 महीने प्रस्तावित है और उनके कार्यकाल के शुरू होने के छह महीने बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। नगर निगम की निर्वाचित परिषद का कार्यकाल पांच साल प्रस्तावित है। अरशद ने बताया कि करीब 19 आधिकारिक बैठकें हुईं और 20वीं आधिकारिक बैठक में रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी गई।
क्या हैं सिफारिशें
- सरकार को इस अधिनियम प्रभावी होने के 120 दिनों के भीतर ग्रेटर बेंगलूरु प्राधिकरण (जीबीए) की स्थापना के लिए अधिसूचना करे
- ग्रेटर बेंगलूरु क्षेत्र में ग्रेटर बेंगलूरु प्राधिकरण, नगर निगम और वार्ड समितियों के नागरिक प्राधिकरण होने चाहिए।
- इस अधिनियम के लिए अंतिम अधिसूचना जारी होने पर बीबीएमपी और अन्य स्थानीय प्राधिकरणों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
- ग्रेटर बेंगलूरु प्राधिकरण (जीबीए) का नेतृत्व मुख्यमंत्री पदेन अध्यक्ष के रूप में करेंगे। बेंगलूरु के विकास के प्रभारी मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे।
- जीबीए में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य सरकार के मंत्री पदेन सदस्य होंगे। विधेयक के अनुसार, जीबीए के मुख्य आयुक्त सचिव होंगे, जबकि नगर निगमों के महापौर जीबीए के सदस्य होंगे।
- बीडीए के आयुक्त, बीडब्ल्यूएसएसबी के अध्यक्ष, बीएमटीसी के एमडी, बीएमआरसीएल के एमडी, बेसकॉम के एमडी, जिलाधिकारी, बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, बेंगलूरु मेट्रोपॉलिटन भूमि परिवहन प्राधिकरण के सीईओ, बेंगलूरु सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड के एमडी, मुख्य नगर नियोजक, मुख्य अभियंता, कर्नाटक राज्य अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के निदेशक जीबीए के सदस्य होंगे।
- सभी सांसद, और विधायक और विधान पार्षद जिनके निर्वाचन क्षेत्र क्षेत्र के भीतर आते हैं, या जो जीबीए के क्षेत्र में रहते हैं, जीबीए के सदस्य होंगे।
- राज्य सरकार तीन साल की अवधि के लिए जीबीए के मुख्य आयुक्त की नियुक्ति करेगी, लेकिन वह प्रमुख सचिव के पद से नीचे का नहीं होगा। जीबीए का अध्यक्ष जीबीए की बैठकें बुलाएगा, प्रत्येक तीन महीने में कम से कम एक बैठक।
- जीबीए हर वर्ष बजट तैयार करेगा।
योजना समिति का प्रस्तावतेजी से बढ़ते बेंगलूरु को आखिरकार एक समर्पित योजना समिति मिल सकती है,जो 74वें संशोधन के तहत एक संवैधानिक आवश्यकता है। विधायक अरशद की अध्यक्षता वाले विधानमंडल पैनल ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार बेंगलूरु महानगर योजना समिति (बीएमपीसी) का गठन करे। जीबीए भी इस शीर्ष निकाय के दायरे में आएगी। इस समिति का दायरा जीबीए के क्षेत्र से बाहर भी होगा।
समिति की सिफारिश के मुताबिक जीबीए के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों सहित बेंगलूरु क्षेत्र के लिए बीएमपीसी मसौदा विकास योजना तैयार करेगी। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि बीएमपीसी की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करें, जिसमें जीबीए के मुख्य आयुक्त सदस्य सचिव के रूप में कार्य करें।जीबीए का होगा निगमों पर नियंत्रण
जीबीएरस्तावित सात नगर निगमों के प्रशासन में प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग करेगी। जीबीए नगर निगमों के आयुक्तों के परामर्श से जीबीए और नगर निगमों के लिए सामान्य कैडर और भर्ती नियमों को अंतिम रूप देगा और अनुमोदन के लिए सरकार को प्रस्तुत करेगा।