निरीक्षण के दौरान मंत्री नेताम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि निर्माण की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना (Kanhar bridge) को तय समय सीमा में पूरी की जाए ताकि स्थानीय लोगों को जल्द से जल्द सुविधा मिल सके।
नेताम ने कहा कि यह पुल (Kanhar bridge) क्षेत्रीय समेकित विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। पुल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा संस्थान और बाजार अब ग्रामीणों की पहुंच में होंगे। इसके अलावा पर्यटन और स्थानीय व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।
Kanhar bridge: जून तक तैयार हो जाएगा पुल
लोक निर्माण विभाग द्वारा 15.20 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह पुल (Kanhar bridge) 312 मीटर लंबा और 8.4 मीटर चौड़ा है। अब तक 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 12 पियर और 2 एबटमेंट में से अधिकांश का निर्माण पूरा हो गया है और स्लैब कार्य भी तेजी से प्रगति पर है। जून 2025 तक पुल का निर्माण पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है।
40 हजार आबादी को मिलेगी राहत
इस पुल (Kanhar bridge) से धौली, झारा, कुशफर, सेमरवा, पचावल, आनंदपुर जैसे 20 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। बरसात के समय जब नदी उफान पर होती है, तब लोगों को इलाज, शिक्षा और बाजार तक पहुंचने में काफी दिक्कत होती है। पुल बन जाने के बाद यह समस्या इतिहास बन जाएगी।
वहीं सनावल क्षेत्र के हजारों लोग रोजमर्रा के कामों के लिए झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी जाते हैं। पुल बन जाने से इन स्थानों की दूरी घटेगी और यात्रा भी सुरक्षित होगी। यह सुविधा पूरे साल निर्बाध रूप से उपलब्ध रहेगी।