मनमानी की जा रही वसूली
मवेशी व बैठकी बाजार में वसूली पर बैठते ही ठेकेदार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक की वसूली किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। नियमानुसार एक जानवर बिकने पर 150 रुपए, खरीदने वाले और बेचने वाले से 50 रुपए तथा दो जानवर बिकने पर 300 रुपए खरीदने वाले से और बेचने वाले से 100 रुपए की वसूली करने का प्रावधान हैं।लेकिन 8 अप्रेल को जब मवेशी बाजार में पड़ताल की गई तो वहां स्थिति अलग नजर आई। मवेशी बाजार की चावड़ी में पूर्व ठेकेदार व नपा का एक कर्मी बैठा हुआ था। एक मवेशी बिकने पर 350 रुपए व दो मवेशी बिकने पर 700 रुपए खरीदने वाले वसूले जा रहे थे।
रसीद में नहीं राशि का उल्लेख
पंजीयन शुल्क रसीद मवेशी खरीदने बेचने वाले किसानों को दी जा रही थी, उसमें मवेशी के खरीदने की कीमत तो लिखी जा रही थी, लेकिन उनसे टैक्स के रुप में ली जा रही राशि का उल्लेख रसीद में नहीं किया जा रहा था। जब मवेशी खरीदने व बेचने वाले किसानों से चर्चा की गई, उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा एक बैल पर 350 रुपए व दो बैल खरीदने पर 700 रुपए वसूले जा रहे हैं।गौरतलब हैं कि बैठकी व मवेशी बाजार की नीलामी में भाग लेने के लिए निविदा जमा करने की अंतिम तारीख 11 अप्रेल हैं। अभी अंतिम तिथि ही समाप्त नहीं हुई हैं, तो फिर पूर्व ठेकेदार को कैसे बैठकी व मवेशी बाजार की वसूली का काम सौंप दिया गया है। यह एक विचारणीय प्रश्न है।
इनका कहना है।
मैं लगभग दो तीन वर्षो से बाजार में बैल खरीदने बेचना आता हूूॅ। मैंने आज ग्राम सिकंद्रा निवासी गणेश के पास से दो बैल खरीदा। दो बैल खरीदने के बाद बाजार ठेकेदार को मैने 700 रूपए दिया।
ईसाराम तुरकर, पूनी निवासी
संजय कटरे, किसान
सरिता मनोज दांदारे, नपाध्यक्ष वारासिवनी