सडक़ में देखी डामर की गुणवत्ता, मौके पर ही किया परीक्षण
शासन के निर्देश पर जांच करने पहुंचे अधिकारीकायाकल्प अभियान के तहत नगर में हो रहा है सडक़ का निर्माण कार्य2 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से तैयार हो रही है डामरीकृत सडक़


सडक़ में देखी डामर की गुणवत्ता, मौके पर ही किया परीक्षण
बालाघाट. सडक़ पर डामर की गुणवत्ता की जांच करने शुक्रवार को दो सदस्यीय अधिकारियों का दल बालाघाट पहुंचा। अधिकारियों ने काली पुतली चौक से लेकर नावेल्टी हाउस पहुंच मार्ग पर डामर की गुणवत्ता की जांच की। मौके पर ही मोबाइल मटेरियल टेस्टिंग लेब के माध्यम से जांच की। वहीं डामर की क्रॉस चेकिंग के लिए सेम्पल भी एकत्र किए।
जानकारी के अनुसार कायाकल्प अभियान के तहत बालाघाट शहर में अलग-अलग मार्गों में डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य 2 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है। इधर, सडक़ के निर्माण कार्य होते ही उसमें जगह-जगह गड्ढे पडऩे लगे हैं। इसकी गोपनीय रुप से शिकायत की गई थी। जिसके चलते शासन के निर्देश पर असिसटेंट इंजीनियर नगरीय प्रशासन व विकास जबलपुर विजय सिंह बघेल और अरबन क्वॉलिटी मेनेजर पीसी साहू नागपुर 16 जून को बालाघाट पहुंचे। अधिकारियों ने शहर में अलग-अलग सडक़ों के सेम्पल लिए। मोबाइल मटेरियल टेस्टिंग लेब के माध्यम से मौके पर ही उसकी जांच की। वहीं डामर की गुणवत्ता की क्रॉस चेकिंग के लिए सेम्पल लेकर उसे गोपनीय लेब भेजा गया है। लेब से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जांच प्रतिवेदन शासन को सौंपा जाएगा।
मापदंड से अधिक मिला डामर
असिसटेंट इंजीनियर नगरीय प्रशासन व विकास जबलपुर विजय सिंह बघेल ने बताया कि मोबाइल मटेरियल टेस्टिंग लेब से जो जांच की गई, उसमें मापदंड से अधिक डामर पाया गया है। यह रोड की गुणवत्ता के लिए अच्छा है। उन्होंने बताया कि डामरीकृत सडक़ के मापदंड अनुसार उसमें 5 प्रतिशत डामर होना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जो जांच की गई उसमें 8.1 प्रतिशत डामर पाया गया है। जो कि अनुबंध की शर्तों से अधिक है। इससे सडक़ की लाइफ बेहतर होती है।
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