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बालाघाट

पेसा एक्ट से तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ी आमदानी

वन विभाग को न सौंपते हुए सीधे वेंडरों से किया सौदावन विभाग की अपेक्षा 21 लाख की अधिक हुई आमदानीइस वर्ष पेसा एक्ट वाले ब्लॉकों में 1207 मानक बोरा तेंदूपत्ता हुआ है संग्रहित

बालाघाटJun 16, 2023 / 09:00 pm

mukesh yadav

पेसा एक्ट से तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ी आमदानी

पेसा एक्ट से तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ी आमदानी

बालाघाट. जिले के तीन आदिवासी बाहूल्य ब्लॉक बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा में पेसा एक्ट लागू है। इस एक्ट के लागू होने का असर इन क्षेत्रों के तेंदूपत्ता संग्राहकों पर नजर आता है। जिनकी आमदानी पहले की अपेक्षा बढ़ गई है। ऐसे में यहां के तेंदूपत्ता संग्राहक पेसा एक्ट को काफी लाभकारी मान रहे हैं। जिनका कहना है कि एक्ट के लागू से वे संग्रहित किए गए तेंदूपत्ता को वन विभाग को न सौंपते हुए सीधे वेंडरों से सौंदा कर पा रहे हैं। ऐसे में पूरा मुनाफा उन्हें ही प्राप्त हो रहा है। वहीं पूर्व में उन्हें शासन से निर्धारित प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जाता था। इससे तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाली समितियों को अधिक लाभ हो रहा है। लेकिन अब वे स्वयं से सौंदा कर पा रहे हैं।
निर्धारित दर से अधिक में विक्रय
जिले के पेसा एक्ट वाले बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा में 20 केन्द्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विपणन कार्य किया जा रहा है। इन 20 केन्द्रों को प्रति मानक बोरा लगभग 04 से 05 हजार रुपए की राशि प्राप्त हो रही है। औसत निकाला जाए तो इन केन्द्रों को प्रति मानक बोरा 4742 रुपए प्रति मानक बोरा की राशि वेंडर से मिल रही है। जबकि चालू वर्ष में शासन ने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर प्रति मानक बोरा 03 हजार रुपए निर्धारित की है।
1207 मानक बोरा हुआ संग्रहण
जानकारी के अनुसार उक्त 20 केन्द्रों पर इस वर्ष 1207 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया है। यदि पेसा एक्ट लागू नहीं होता तो 1207 मानक बोरा के एवज में तेंदूपत्ता संग्रहकों को 03 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की दर के हिसाब से 36 लाख 21 हजार रुपए ही मिलते। लेकिन पेसा एक्ट के कारण मिले अधिकार से इन 20 केन्द्रों को 57 लाख 23 हजार 594 रुपए की राशि मिलने जा रही है। इस प्रकार एक्ट लागू होने से इन 20 केन्द्रों 21 लाख 02 हजार 594 रुपए का अधिक मुनाफा हुआ है।
ग्राम सभा में जमा होगी राशि
जानकारी के अनुसार तेंदूपत्ता विक्रय से मिलने वाली यह लाभ की राशि ग्राम सभा के खाते में जमा होगी। जिसे ग्राम सभा के निर्णय के अनुसार ग्राम के विकास में खर्च किया जा सकेगा।
पेसा एक्ट की कर रहे तारीफ
ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी के दिनों में कई घरों में शादी विवाह का काम होता है। ग्रामीणों के पास अतिरिक्त आमदनी का कोई जरिया नहीं होता है। ऐसे में तेंदूपत्ता संग्रहण से बहुत सहूलियत होती है। पेसा एक्ट के कारण तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य से अतिरिक्त राशि भी प्राप्त हो रही है, उन्हें आर्थिक लाभ मिल रहा है। इस वर्ष मप्र सरकार ने पेसा कानून लागू किया है, वह शासन की बहुत ही अच्छी पहल है।
इधर वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में 90 प्रतिशत व्यक्ति अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। इस वित्तीय वर्ष 2023 में जिले के पेसा एक्ट वाले इन क्षेत्रों में 1207 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित कर निर्धारित लक्ष्य का 62.57 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है।

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