सरकारी भूखंडों को बचाने में फिक्रमंद नहीं जिम्मेदार
न नोटिस जारी किया न मौके पर पहुंचे अधिकारीसरकारी भूखंडों पर अवैध निर्माण व विक्रय का मामला


सरकारी भूखंडों को बचाने में फिक्रमंद नहीं जिम्मेदार
बालाघाट/लालबर्रा। सरकारी भूखंडों के रख रखाव व उन्हें संरक्षित करने में स्थानीय जिम्मेदार जरा भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। तभी तो इन सरकारी भूखंडों में नियम विरूद्ध अवैध निर्माण और क्रय-विक्रय संबंधित जानकारी देने के बावजूद जिम्मेदारों ने न तो कोई नोटिस जारी किया न ही मौके पर मुआयना करने पहुंचे हैं। परिणाम स्वरूप इन भूखंडों के लीज धारकों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। लीज धारक भूखंडों में बिना एनओसी न सिर्फ अवैध निर्माण करवा रहे हैं। बल्कि भूखंडों को दूसरे व्यवसायियों को विक्रय कर खरीद बरोख्त करने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं। स्थानीय जानकरों की माने तो बीते 20 वर्षों की सूची का वर्तमान सूची से मिलान किया जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि उक्त भूखंड पहले किसके नाम पर थे और वर्तमान समय में किसके नाम पर दर्ज है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर पत्रिका ने जनपद सीईओ से पूर्व में चर्चाएं की थी। तब उन्होंने शीघ्र ही नोटिस जारी करने सहित मौके पर निरीक्षण कर कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। लेकिन अब तक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार मुख्यालय के बाजार क्षेत्र में जनपद स्तर से 289 भूखंडों पर बांस बल्ली और कवेलु युक्त कच्चे भवन निर्माण कर व्यापारियों को व्यवसाय को एक साल का अनुबंध कर दिए गए थे। इसके बाद जिम्मेदार विभाग की निष्क्रयता के चलते धीरे-धीरे भूखंड धारियों ने पक्का निर्माण कार्य करवा लिया। इसके लिए जनपद से किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई है। वहीं बताया जाता है कि कुछ व्यवसायी तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने नियम के विपरीत अपनी दुकानें किराए पर देकर अच्छा रुपया कमाया। इससे बढकऱ भी कुछ भूखंड धारियों ने दुकानों को बेच कर बड़ी रकम अवैध रूप से कमाई। इस पूरे मामले में जनपद के जिम्मेदार भी मौन साधे बैठे हुए हैं।
नहीं करवा सकते निर्माण कार्य
नियमानुसार सरकारी भूखंडों में बिना अनुमति पक्का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता है। वहीं अतिक्रमण करने वाले, भूखंडों की साफ सफाई नहीं करने वाले और अन्य नियमों का पालन नहीं करने वाले लीड धारकों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए पुर्न आवंटन नहीं करने के नियम भी बनाए गए हैं। बावजूद इसके क्षेत्र के बाजार में इन नियम व निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए पक्के बहुमंजिला निर्माण कार्य भी करवा लिए गए हैं। वहीं ऐसे ही लीज धारकों की लीज भी हर साल बढ़ा दी जा रही है।
वर्सन
अवैध रूप से पक्का निर्माण करने वाले भूखंड धारियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पहले ऐसे लीज धारकों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई भी की जाएगी।
गायत्री सारथी, जनपद सीईओ
Hindi News / Balaghat / सरकारी भूखंडों को बचाने में फिक्रमंद नहीं जिम्मेदार