1989 में शुरू की गई थी मंदिर निर्माण कार्यशाला अयोध्या रामघाट क्षेत्र में मंदिर निर्माण के लिए 1989 के लगभग में कार्यशाला को प्रारम्भ किया गया था। इस दौरान अब तक 1 लाख घन फुट पत्थरों पर मंदिर के खम्भों, पीलर, दीवारों के साथ छत के भी कुछ भाग को तैयार किया गया था।
राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद शुरू हुआ निर्माण राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद मंदिर के स्वरूप को और भव्य बनाने में बदलाव कर दिया गया। जिसके कारण कार्यशाला में तरासे गए पत्थरों को मंदिर के भूतल में नही लगाया जा सका। और भूतल निर्माण के लिए पुनः राजस्थान में कार्यशालाओं को शुरू कर नए सिरे से पत्थरों को तैयार भूतल निर्माण का कार्य पूरा किया गया है। और अब प्रथम तल निर्माण के लिए रखे इस पत्थरों को लगाया जाएगा।
एक दशक पूर्व सपा सरकार ने कार्यशाला पर लगाया था प्रतिबंध उत्तर प्रदेश में एक दशक पूर्व समाजवादी पार्टी की सत्ता आने पर अयोध्या में चल रहे मंदिर निर्माण की तैयारी के लिए चल रही कार्यशाला प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसके कारण मंदिर निर्माण कार्यशाला में रखे पत्थरों में 60% की नक्काशी का कार्य पूरा हो सका था।
प्रथम तल निर्माण के लिए लगाए गए कुशल कारीगर तो वहीं अब मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। तो इन पत्थरों पर होने वाली नक्काशी को पूरा करने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए राजस्थान के 15 कुशल कारीगरों को उतारा गया है। जो कि प्रथम तल में लगने वाले खंभों के पत्थरों की साफ सफाई और शेष नक्काशी का कार्य कर रहे हैं।
राम जन्मभूमि परिसर में चल रही तैयारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा बताते हैं कि भूतल निर्माण का कार्य पूरा हो गया है अब तक के मंदिर परिसर में साफ-सफाई बिजली का कार्य खंभों में देवी देवताओं के चित्र को उतरने का कार्य किया जा रहा है तो वही आप प्रथम तल निर्माण की तैयारी को भी शुरू कर दिया गया है और जल्द ही मंदिर के ऊपर पत्थरों को रखने का क्रम भी शुरू कर दिया जाएगा।