तपती गर्मी और शहर की मिट्टी से बढ़ेंगे बीमारियां भीषण गर्मी में अयोध्या के रामपथ निर्माण का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है। चौड़ीकरण के बाद डक्ट का निर्माण और सीवर लाइन, पाइप लाइन सहित अन्य योजनाओं को तैयार करने के लिए खुदाई का कार्य चल रहा है। गर्मी की तपन से सुख रही मिट्टी पर शहर में गाड़ियों के गुजरने से मिट्टी हवा उड़ रही है। जिसके कारण चारों धुंध जैसे हालात हो रहे हैं। जिससे श्रद्धालु ही नही बल्कि स्थानीय लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
लोगों के शरीर पर कुछ सालों के बाद दिखेगा सर अयोध्या श्री राम अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर अनुपम मिश्रा बताते हैं। कि अयोध्या का नवनिर्माण किया जा रहा है। लेकिन इन धूल से बचना भी उतना ही जरूरी है। जितना इसका नव निर्माण हो रहा है। ऐसे में बचने के लिए सबसे बेहतर है कि जब भी बाहर निकले तो मात्र जरूर लगाएं इसका नुकसान आज नहीं बल्कि 3 से 4 साल बाद जरूर दिखाई देगा इसके कारण लोगों में सांस की समस्या बढ़ेगी।
मास्क ही धूल से बचने के लिए बेहतर उपाय ऐसे में मास्क ही सबसे बेहतर उपाय है। यह धूल दो लोगों के लिए बेहद खतरनाक है जो दमा और हार्ड के मरीज हैं। और बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है क्योंकि अभी यहां धूल यहां से खत्म नहीं होगी। इसका डायरेक्ट इंपैक्ट सांस की नालियों में जाकर जमा होता है जिसे सामान्य भाषा में अस्थमा और दमा के मरीज साबित हो सकते हैं।
जिला प्रशासन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए करें उपाय डॉ अनुपम ने कहा कि जिला प्रशासन को भी इस मामले पर अलर्ट होना चाहिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर प्रशासन लोगों को जागरूक करने की जरूरत है यह एक थोड़ी सी चूक है। अयोध्या में प्रवेश के पहले यात्री पहुंचते हैं और जहां सेवा अयोध्या में प्रवेश करते हैं उस स्थल पर एक साइन बोर्ड लगे होने चाहिए। क्योंकि अयोध्या में उड़ रही धूल बेहद खतरनाक है।