पीएम का यह दौरा पूरी तरह से धार्मिक है। यहां सत्संग सभा को पहले गुरु फिर पीएम मोदी संबोधित करेंगे। ऐसे में आनंदपुर को लेकर जन चर्चा है कि ऐसा क्या है वहां कि पीएम मोदी पहुंच रहे हैं। दरअसल, अद्वैत मठ को मानने वाले समूचे विश्व में एक हजार जबकि भारत में करीब 36 ट्रस्ट हैं।
इनका मुख्यालय अशोकनगर के ईसागढ़ तहसील में आनंदपुर ट्रस्ट है। देश-विदेश में स्थित सभी अद्वैत मठ के ट्रस्टों का संचालन यहीं से होता है। सभी ट्रस्टों में गुरु का निर्णय अंतिम होता है और पादशाही में विराजे गुरु का लोग सिर्फ खास मौकों पर ही दर्शन कर सकते हैं। आनंदपुर में बैसाखी के मौके पर विशाल कार्यक्रम होता है, जिसमें देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं और बड़े धार्मिक अनुष्ठान भी होते हैं।
आनंदपुर ट्रस्ट में पादशाही चुनने की प्रकिया अलग है। गद्दी पर विराजमान गुरु शरीर छोड़ने के पहले अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते हैं। वर्तमान समय में आनंदपुर ट्रस्ट में छठवें पादशाही के रूप में आनंदपुर में ही जन्मे स्वामी विचार पूर्णानंद हैं। आनन्दपुरधाम की स्थापना 1939 में प्रथम पादशाही अद्वैत आनन्द (परमहंस दयाल) ने की थी। यहां अधिकांश लोग पहचान पत्र में पिता-पति की जगह गुरु का नाम श्रद्धापूर्वक लिखते हैं।
गुरुजी का दर्शन कर, आश्रम घूमेंगे पीएम
प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 1 बजे ईसागढ़ पहुंचेंगे। यहां गुरुजी के दर्शन के बाद आश्रम का भ्रमण करेंगे, गोशाला जाएंगे। यह धाम अनोखी परंपरा के साथ ही समाजसेवा के लिए जाना जाता है। मप्र में ट्रस्ट के शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर में सत्संग केंद्र हैं। वहीं पुणे, जम्मू, मुंबई, बेंगलूरु, गोंड यूपी, सतारा, दिल्ली, धौलपुर के अलावा विदेशों में भी केंद्र हैं। पादशाही का इतिहास
1939 में प्रथम पादशाही अद्वैत आनंद ने संभाली 1000 देश-विदेश में आश्रम 315 हेक्टेयर क्षेत्र में ट्रस्ट 125 बिस्तरा चैरिटेबल अस्पताल 500 गोवंश की गोशाला ये भी पढ़ें: जानें कौन हैं MP के सबसे अमीर IAS, संपत्ति और आय जान उड़ जाएंगे होश