किताबों की आड़ में कमाई का खेल, अभिभावक बोले- 6 किताबें थीं जरूरी, जोड़ दीं और छह
निजी स्कूल पर महंगी किताबें थोपने का अभिभावकों ने लगाया आरोप


नगर के निजी स्कूल में बुधवार को पहुंचकर विद्यालय के निर्णय पर अभिभावकों ने विरोध दर्ज कराया। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन ने कोर्स के अतिरिक्त 5 से 6 किताबों को शामिल किया है, जोकि काफी महंगे दाम पर बुक स्टोर्स में बेची जा रही हैं। अभिभावकों ने बताया कि कक्षा छठवीं की जो पुस्तक हैं वह बाजार में लगभग 5500 रुपए में मिल रही है। जिसमें बताया गया है कि केवल सामान्य तौर पर छह पुस्तक ही विद्यालय में अनिवार्य रूप से चलाई जानी है, लेकिन इसके अलावा कम से कम 6 से 7 पुस्तकें अतिरिक्त रूप से विद्यालय प्रबंधन की ओर से बच्चों को लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन पुस्तकों की भी पढ़ाई अलग से होगी जिसका मूल्य चार से पांच सौ रुपए तक है। इस तरह से प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकों के लिए विद्यालय प्रबंधन बच्चों पर दबाव डाल रहा है। विद्यालय पहुंचकर अभिभावकों ने प्रबंधन से बातचीत की जिसके उपरांत प्राचार्य ने कहा कि हम पुस्तक विक्रेताओं से बात करेंगे और उसमें अधिक से अधिक डिस्काउंट अभिभावकों को प्राप्त हो सके ऐसा प्रयास करेंगे। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि पिछले सत्र में ही पुस्तकों को बदला गया था और जब बदला जा रहा था तब इस बात को लेकर यह आश्वासन दिया गया था की पुस्तक दो से तीन साल तक चलेगी, लेकिन जो अतिरिक्त पुस्तक पिछले साल चलाई जा रही थी उन पुस्तकों को फिर से बदल दिया गया है। वहीं जब प्राचार्य से इस विषय में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मैं प्राचार्य नहीं था। पिछले वर्ष क्या बातचीत हुई थी इस बात कि मुझे कोई जानकारी नहीं है।
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