इसके बाद उसे लहूलुहान हालत में अलवर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची के पिता अनवर ने बताया कि गुरुवार दोपहर को वे घर पर नहीं थे। केवल बच्चे ही घर पर थे। उनकी बेटी आफरीन अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। इस बीच एक लावारिस श्वान ने उस पर हमला कर दिया।
बच्ची ने पकड़ा श्वान का मुंह
हमले के दौरान आफरीन ने श्वान से बचने के लिए उसका मुंह पकड़ लिया। इस बीच बच्ची की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े और श्वान को भगाकर बच्ची की जान बचाई। लोगों ने बताया कि श्वान करीब 30 सेकंड तक बच्ची को नोंचता रहा। अगर थोड़ी देर और हो जाती तो बच्ची की जान पर भी बन सकती थी।
घटना के बाद से सदमे में मासूम
जिला अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉ. कनक यादव ने बताया कि श्वान के काटने से बच्ची का काफी खून बह गया। उसके गाल पर बड़ा घाव है। इसके अलावा हाथ व पैर सहित अन्य जगह भी गहरे जख्म हैं। उसके 12 टांके आए हैं। इलाज के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार है, लेकिन बच्ची अभी भी सदमे में है।
एक दिन पहले ढाई साल की मासूम हुई थी शिकार
इससे एक दिन पहले बुधवार को अलवर शहर से सटे नंगला समावधि के गांधीनगर इलाके में लावारिस श्वान ने घर के बाहर खेल ही ढाई साल की मासूम ख्वाहिश पर हमला कर दिया था। इस दौरान बच्ची के पिता ने पैरों को खींचकर उसे श्वान से बचाया, लेकिन श्वान ने बच्ची के होंठ से लेकर एक तरफ का पूरा जबड़ा काट दिया था। उसके नाक पर भी गहरा घाव कर दिया था। इसके अलावा चेहरे पर कई घाव कर दिए थे। चिकित्सकों ने उसके चेहरे पर तीन लेयर में करीब 20 से 25 टांके लगाए थे।