अलवर। पिश्चमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद बीती रात और शनिवार शाम को जिले के विभिन्न इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे। मालाखेड़ा, कोठीनारायणपुर, राजगढ, खेरली, कठूमर, गोविन्दगढ़, तिजारा, थानागाजी, शाहबाद और अन्य इलाकों में बारिश कहर बनकर टूटी। इससे सरसों की फसल 80 प्रतिशत तक तबाह हो गई और बारिश के साथ चलने वाली तेज हवा ने गेहूं की फसल को आड़ा लिटा दिया है, इससे सरसों की फलियों से सरसों झड़ गई है।
गेहूं के दाने की क्वालिटी खराब होने का डर किसानों को सता रहा है। हवा ने चने के फूल गिरा दिए हैं। इससे पैदा होने वाली उपज भी प्रभावित होगी। हालांकि किसान ओलावृष्टि की भरपाई के लिए मुआवजा की मांग कर रहे हैं। वहीं, उद्यान विभाग के उपनिदेशक केएल मीणा ने बताया कि इस दौरान होने वाली बारिश से कोई फायदा नहीं है, केवल नुकसान है। अगर ये बारिश 15 से 20 दिन पहले होती तो किसानों को इसका लाभ होता। वही, बारिश के काले बादल पूरे दिन छाए रहे। देर शाम को शहर में बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रहा। वहीं, बारिश ने शादियों में खलल पैदा कर दी।
आगे मौसम साफ, हवा ने बढ़ाई सर्दी
मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में आसमान साफ रहने की उम्मीद है। तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होने की उम्मीद है। इसके साथ 6 मार्च के बाद दिन-रात के तापमान में इजाफा हो सकता है। शनिवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री से. और न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री से. दर्ज किया। वहीं, बीते कई दिनों से आसमान में बादल छाने और बारिश होने की वजह से हवा में नमी आ गई है। इससे सर्दी का असर बढ़ गया है।
भिवाड़ी में जलभराव, वाहन चालक हुए परेशान
भिवाड़ी में बारिश के बाद शनिवार सुबह बाइपास क्षेत्र में जलभराव हो गया। सोहना पलवल हाईवे, भगत सिंह कॉलोनी के आवासन मंडल से सीजीएसटी कार्यालय और पुराना डीटीओ कार्यालय से जलदाय कार्यालय मार्ग पर पानी भर गया। जलभराव की वजह से वाहन चालकों को आवागमन में काफी असुविधा हुई। इसके साथ ही आवासन मंडल कार्यालय के सामने भी सड़क पर पानी भरा रहा।
नगीना गार्ड के सामने भी तिराहे पर जलभराव रहा। जलभराव की वजह से सडक़ों पर गंदा पानी आ गया। दूषित पानी से आ रही दुर्गंध ने वाहन चालकों को परेशान किया। वाहन चालकों के साथ पैदल चलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़कों पर निकलने के लिए रास्ता नहीं बचा।
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