ये थे आदेश
सरकार ने प्रदेशभर के जिला परिषद के 10 अधिकारियों से कहा था कि हर माह में चार रातें गांव में गुजारेंगे। यानी रात्रि विश्राम करेंगे। जनता की समस्या भी सुनकर उनका निदान करेंगे। रात्रि विश्राम का समय शाम छह बजे से सुबह 6 बजे तक रखा गया था। इस अवधि में जाना जरूरी था, लेकिन प्रदेशभर से किसी भी अधिकारी की निरीक्षण रिपोर्ट पंचायती राज विभाग को नहीं पहुंची। हालांकि अलवर के कुछ अधिकारियों ने ग्रामीण इलाकों में दौरे जरूर किए हैं।इन अधिकारियों को करना था रात्रि विश्राम
मुख्य कार्यकारी अधिकारीअतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी
विकास अधिकारी
अधिशाषी अभियंता
सहायक अभियंता
कनिष्ठ अभियंता
अधीक्षण अभियंता
अतिरिक्त मुख्य अभियंता
अतिरिक्त विकास अधिकारी
सहायक विकास अधिकारी
ये आया फरमान
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने पिछले दिनों एक बैठक में कहा कि सरकार के स्तर से समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि किसी भी अधिकारी ने रात्रि विश्राम की रिपोर्ट नहीं भेजी, जो गंभीर लापरवाही है। रात्रि विश्राम करना जरूरी था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। ऐसे में अब एक जनवरी से लेकर अप्रेल तक रात्रि विश्राम, दौरे, निरीक्षण की रिपोर्ट 30 अप्रेल तक भेज दें। अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। अनुशासनात्मक कार्रवाई सीधे सरकार की ओर से की जाएगी।यह भी पढ़ें:
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