scriptमुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का हाल: आयुर्वेद में फ्री इलाज भूल जाइए, सामने आया बड़ा झोल | Chief Minister Ayushman Arogya Yojana: Forget free treatment in Ayurveda | Patrika News
अलवर

मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का हाल: आयुर्वेद में फ्री इलाज भूल जाइए, सामने आया बड़ा झोल

मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना ‘मा’ में सरकार ने पहली बार आयुर्वेद सेवाओं को शामिल कर मरीजों को बड़ी राहत देने का प्रयास किया है। लेकिन जिले में मरीजों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। जानिए क्यों?

अलवरApr 06, 2025 / 02:02 pm

Santosh Trivedi

Chief Minister Ayushman Arogya Yojana
भुवनेश वशिष्ठ/अलवर। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना ‘मा’ में सरकार ने पहली बार आयुर्वेद सेवाओं को शामिल कर मरीजों को बड़ी राहत देने का प्रयास किया है। योजना के तहत मरीजों के लिए आयुर्वेद सेवाओं के 20 पैकेज शामिल किए गए हैं।
आमजन को उम्मीद थी कि इससे आयुर्वेद में भी निशुल्क इलाज का रास्ता खुलेगा, लेकिन जिले में मरीजों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि नियमानुसार इस योजना में आयुष पद्धति में उपचार के लिए आयुर्वेद विभाग के अधीन आने वाले राजकीय आयुर्वेद अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए कम से कम पांच बेड होना जरूरी है।
अलवर के किसी भी आयुर्वेद चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती की सुविधा ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीजों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाएगा।

राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में तीन बेड

बुद्ध विहार स्थित राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में मरीजों के लिए केवल तीन बेड हैं। इनमें से एक बेड चिकित्सक कक्ष में लगाया हुआ है। इसके अलावा दो बेड पर्ची काउंटर के पास लगे हैं। यहां मरीजों को केवल डे-केयर की सुविधा ही उपलब्ध कराई जा रही है। जबकि इस योजना में निशुल्क इलाज के लिए अस्पताल में कम से कम पांच बेड होना जरूरी है।
जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के लिए 10 बेड स्वीकृत हैं, लेकिन तीन बेड ही मरीजों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहीं, आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय बासनी और राजगढ़ में 5-5 बेड की सुविधा उपलब्ध हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण जिला चिकित्सालय सहित सभी चिकित्सालयों में मरीजों को सिर्फ ओपीडी की सेवाएं ही उपलब्ध कराई जा रही हैं।

जगह के अभाव में परेशानी

करीब एक दशक पहले आयुर्वेद जिला चिकित्सालय बजाजा बाजार स्थित पुराने भवन में संचालित था। उस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए अलग से वार्ड का संचालन किया जा रहा था। इसमें मरीजों को 10 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी।
बाद में चिकित्सालय को बुद्ध विहार में नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया। इसके पीछे बने 4 कमरों में आयुर्वेद उप निदेशक कार्यालय का अस्थायी रूप से संचालन किया जा रहा है। इसके कारण मरीजों के लिए बेड लगाने तक की जगह उपलब्ध नहीं है। साथ ही अस्पताल की अन्य चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
फैक्ट फाइल

जिले में आयुर्वेद के चिकित्सा संस्थान 229

आयुर्वेद चिकित्सालय 07

ब्लॉक चिकित्सालय 08

आयुर्वेद औषधालय 177

सीएचसी व पीएचसी पर संचालित 36

जिले के किसी भी आयुर्वेद चिकित्सा संस्थान में इंडोर की सुविधा नहीं है। जिला चिकित्सालय में भी बेड लगाने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है। इस कारण सभी चिकित्सा संस्थानों में मरीजों को सिर्फ डे-केयर की सुविधा ही उपलब्ध कराई जा रही है। विभाग के पास पर्याप्त संसाधन भी नहीं है। हमारी और से आयुर्वेद के सभी चिकित्सा संस्थानों में इंडोर की सेवाएं शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि मरीजों को लाभान्वित किया जा सके।
-डॉ. कर्णसिंह दहिया, उप निदेशक, आयुर्वेद विभाग अलवर

Hindi News / Alwar / मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का हाल: आयुर्वेद में फ्री इलाज भूल जाइए, सामने आया बड़ा झोल

ट्रेंडिंग वीडियो