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अजमेर के सेवन वंडर्स पार्क पर क्यों चला पीला पंजा? NGT और सुप्रीम कोर्ट का था ये आदेश; 100 करोड़ से ज्यादा स्वाहा!

Ajmer Seven Wonders Park Demolished: राजस्थान के अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए सेवन वंडर्स पार्क को तोड़ दिया गया है।

अजमेरMar 11, 2025 / 05:48 pm

Nirmal Pareek

Ajmer Seven Wonders Park demolished

फोटो स्रोत- सोशल मीडिया

Ajmer Seven Wonders Park Demolished: राजस्थान के अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए सेवन वंडर्स पार्क, पटेल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स, फूड कोर्ट और अन्य निर्माण अब इतिहास बन गए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) ने आनासागर झील के किनारे बने इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बता दें, सेवन वंडर का शुभारंभ साल 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था।
अब सवाल यह है कि 100 करोड़ से ज्यादा खर्च कर बनाए गए इन प्रोजेक्ट्स का जिम्मेदार कौन? और क्या सरकारी धन की इस बर्बादी की जवाबदेही तय होगी?

क्यों हटाए जा रहे हैं ये निर्माण?

दरअसल, अजमेर के आनासागर झील के किनारे 81.16 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई निर्माण किए गए थे। इसके अलावा इनकी योजना और डीपीआर तैयार करने में ही 20 करोड़ रुपये खर्च हो गए। हालांकि, NGT ने 2023 में आदेश दिया कि ये निर्माण वेटलैंड के पारिस्थितिक संतुलन के लिए हानिकारक हैं और इन्हें हटाया जाना चाहिए।
इसके बाद राजस्थान सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां भी दलीलें काम नहीं आईं। 25 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन कर किए गए निर्माण तोड़े ही जाएंगे, चाहे वे कितने भी सुंदर क्यों न हों।

इस बर्बादी का कौन जिम्मेदार?

अब सबसे बड़ा सवाल है कि जनता के टैक्स के पैसे की इस बर्बादी का कौन जिम्मेदार है? सवाल ये भी है कि इस प्रोजेक्ट्स पर कितना खर्च हुआ?
बताया जा रहा है कि सेवन वंडर्स पार्क पर लगभग 11.12 करोड़, फूड कोर्ट में लगभग 7.29 करोड़, पाथ-वे (झील किनारे) के लिए लगभग 39.83 करोड़, पटेल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स के लिए लगभग 15.29 करोड़ और कोटड़ा गांधी उद्यान के लिए लगभग 7.80 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बता दें ये सारे आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिए गए हैं।

NGT और सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

अगस्त 2023 में NGT का आदेश- आनासागर झील के किनारे बने सेवन वंडर्स पार्क, पटेल स्टेडियम, गांधी स्मृति उद्यान और फूड कोर्ट को हटाने का आदेश दिया। वेटलैंड क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई। कहा गया कि ये निर्माण झील के पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
फरवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला- राजस्थान सरकार की अपील खारिज की। कहा- निर्माण सुंदर हो सकता है, लेकिन नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो तोड़ना ही पड़ेगा। राज्य सरकार और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की आलोचना करते हुए टिप्पणी की- आपकी कार्यप्रणाली से ऐसा नहीं लगता कि आप अजमेर को स्मार्ट बनाना चाहते हो। वहीं, अब मुख्य सचिव को 17 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया है।

यहां देखें वीडियो-


सरकार-प्रशासन के फैसलों पर सवाल

बताते चलें कि इस कार्रवाई के बाद सरकारी धन की बर्बादी का सवाल उठ रहा है। 100 करोड़ से अधिक खर्च करने के बाद अब ये प्रोजेक्ट ध्वस्त किए जा रहे हैं। क्या किसी अधिकारी या नेता की जवाबदेही तय होगी? जब वेटलैंड और मास्टर प्लान के नियमों के तहत यहां निर्माण नहीं हो सकता था, तो स्मार्ट सिटी के तहत ये प्रोजेक्ट क्यों मंजूर किए गए?
सवाल ये भी है कि NGT और सुप्रीम कोर्ट की चिंता आनासागर झील के पारिस्थितिक संतुलन को लेकर थी। सवाल उठता है कि क्या ये प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले किसी ने पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन किया गया था?

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