धानेरा तहसील के आस-पास के क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण जडिया गांव में रात के समय अचानक पानी पहुंचा और गांव के खेतों में पांच इंच तक पानी भर गया। सवेरे नींद खुलने पर किसानों को खेतों में पानी भरा दिखा। इसके अलावा गांव के एक मकान की छत धराशायी हो गई। यहां अनेक मकानों व तबेलों को भी नुकसान हुआ। मकानों में रखा घरेलू सामान भी पानी में भीग गया। गांव के कई खेतों में पानी भरने से फसल व घास-चारे को नुकसान हुआ। गांव की गोशाला व तबेलों में करीब 15 मवेशियों की मौत हो गई। मवेशियों पर खेतों की मिट्टी जम गई। गौरतलब है कि 2015 व 2017 में रेल नदी का पानी जडिया गांव में पहुंचने से हुए नुकसान से भी ज्यादा नुकसान इस बार हुआ है।अंबाजी के बाजार में बहने लगा पानी, व्यापारियों ने जल्दी बंद की दुकानें
उधर बनासकांठा जिले की दांता तहसील के अंबाजी में मूसलाधार बारिश हुई। इस कारण बाजारों में पानी भरने के कारण दुकानों को जल्दी बंद कर दिया गया। अंबाजी क्षेत्र में 5 इंच बारिश दर्ज की गई।
साबरकांठा जिले में तेज हवा के साथ बारिश हिम्मतनगर. बिपरजॉय चक्रवात के बाद उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले में तेज हवा के साथ बारिश हुई। हिम्मतनगर, पोशीना, खेड़ब्रह्मा, विजयनगर, प्रांतीज, तलोद क्षेत्र में तेज बारिश से खेतों में और सड़क मार्ग पर पानी भर गया। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने साबरकांठा जिले की चार तहसीलों में येलो एलर्ट जारी किया था।
मोरबी : नवलखी बंदरगाह पर इंडोनेशिया के आयातित कोयले की लोडिंग आरंभ राजकोट. सौराष्ट्र-कच्छ मेें बिपरजॉय चक्रवात के असर के बाद मोरबी जिले के नवलखी बंदरगाह पर कामकाज आरंभ हो गया है।नवलखी बंदरगाह पर कामकाज आरंभ होने के साथ ही इंडोनेशिया के आयातित कोयले की लोडिंग आरंभ हुई। कोयला भरने के लिए ट्रकों की तीन किलोमीटर लंबी कतार लग गई। गौरतलब है कि बिपरजॉय चक्रवात से होने वाले संभावित नुकसान के मद्देनजर करीब 8 दिन पहले नवलखी बंदरगाह बंद कर दिया गया था। वहां से सभी लोग अपने घर चले गए थे। कामकाज आरंभ होने के साथ ही बंदरगाह पर कामकाज पूर्ववत हो गया है।
हालार के 9 बंदरगाहों से सभी सिग्नल हटाए जामनगर जिले में 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा
जामनगर. शहर और जिले के साथ-साथ देवभूमि द्वारका जिले में बिपरजॉय चक्रवात का असर कम होने के साथ ही दोनों जिलों में 9 बंदरगाहों पर लगाए सभी सिग्नल हटा लिए गए हैं।
सौराष्ट्र-कच्छ में चक्रवात की चेतावनी के कारण जामनगर व देवभूमि द्वारका जिले में 9 बंदरगाहों पर 9-10 नंबर के सिग्नल लगाए गए थे। चक्रवात का असर कम होने के बाद यह सिग्नल हटाकर 3 नंबर के सिग्नल लगाए गए। अब चक्रवात का असर और कम होने पर सभी सिग्नल हटाए गए हैं।जामनगर जिले में हवा की गति बढ़कर 70 से 80 किमी प्रति घंटे होने के बाद अब कम हो गई है और वर्तमान में 45 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चल रही है। गर्मी में भी आने से राहत मिली है। न्यूनतम तापमान 27.0 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। दो दिन से बारिश बंद है।
महेसाणा के मोटप गांव में बुवाई आरंभ महेसाणा. जिले की बेचाराजी तहसील के मोटप गांव में अच्छी बारिश के कारण किसानों ने मानसून की फसलों की बुवाई आरंभ की है।