तीन चरणों में होगी भूखंडों की बिक्री
तीन चरणों में योजना में भूखंडों की बिक्री होगी। जब किसी क्षेत्र में सरकारी योजना आती है तो उसका प्रभाव आसपास के क्षेत्र में जरूर होता है। विकास प्राधिकरण अपनी योजना के लिए जो अवस्थापना सुविधाएं विकसित करेगा, उसका लाभ आसपास के गावों में मिलेगा। योजना में एडीए ने सीबीएसई का विद्यालय, एक इंटर कॉलेज, हॉस्पिटल, पुलिस थाना, मॉल, बैंक, छोटे बाजार अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के लिए जमीन आरक्षित की है। ऊंची इमारतें बनेंगी। इससे आसपास के क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। इस कारण वहां जमीन के रेटों में उछाल आ गया है।
मुआवजा ले चुके किसान भी खरीद रहे जमीन
ककुआ भांडई में प्रस्तावित अटल पुरम योजना के लिए आगरा विकास प्राधिकरण ने करीब 138 हेक्टेयर जमीन ली है। इसमें करीब 130 हेक्टेयर जमीन एडीए ने किसानों के साथ आपसी समझौते के तहत खरीदी है। किसानों को वर्तमान सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया गया है। जिन किसानों की जमीन टाउनशिप में गई हैं उन्हें भरपूर पैसा मिला है। अब वे मुआवजे में मिली धनराशि से जमीन खरीद रहे हैं। अधिकांश आसपास ही जमीन का सौदा कर रहे हैं।
इन गांवों की बदलेगी तस्वीर
बाद, सलमबाद, ककुआ, भांडई, मुढेरा, ककरारी, बहाई, इटौरा, रोहता, पचगाईं। बिल्डरों ने डेरा डाला
आगरा विकास प्राधिकरण ने प्रस्तावित टाउनशिप के लिए जमीन की खरीद पूरी की है, वहीं बिल्डरों ने उस क्षेत्र में डेरा डाल दिया है। रोहता से लेकर ककुआ-भांडई तक बिल्डरों ने जमीन खरीद के लिए काश्तकारों से संपर्क शुरू कर दिया है। रोहता के आसपास तो अब जमीन मिलना मुश्किल हो रहा है। क्षेत्रीय निवासी बलराम सिंह ने बताया आसपास के गांवों में बिल्डरों और उनके डीलर्स की गाड़ियां धूल उड़ा रही हैं। इनर रिंग रोड और दक्षिणी बाईपास के निर्माण के चलते बिल्डरों ने पहले से ही जमीनों की खरीद शुरू कर दी थी।
गजब: पुलिस को पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और डीएम के पिता से शांति भंग का खतरा, जानें क्यों? विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो टाउनशिप की घोषणा के साथ ही वहां जमीनों की दरों में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी। स्थिति यह है कि ककुआ-भांडई के आसपास ग्वालियर रोड पर बनाई जा रही कॉलोनियों में अभी तक जमीन के रेट करीब चार हजार रुपये प्रति वर्गगज से लेकर आठ हजार रुपये तक थे। अब वहां जमीन के रेट आठ हजार रुपये प्रति वर्गगज से लेकर 15 हजार रुपये प्रति वर्गगज तक पहुंच गए हैं।