सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी देने पर लगी रोक हटाई
अमेरिकी राष्ट्रपति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की (Volodymyr Zelenskyy) के बीच हुई बहस के बाद अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता और युद्ध से जुड़ी खुफिया जानकारी देने पर रोक लगा दी थी। इससे यूक्रेन को बड़ा झटका लगा था, क्योंकि युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन मुख्य रूप से अमेरिकी सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी पर निर्भर रहा है। लेकिन अब अमेरिकी सीज़फायर प्रस्ताव पर यूक्रेन की सहमति के बाद अमेरिका ने सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी देने पर लगी रोक हटा दी है। क्या रूस पर दबाव बनाने के लिए लिया गया फैसला?
ट्रंप जब से फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस मामले में उनका झुकाव रूस की तरफ रहा है। लेकिन अब जब उनके सीज़फायर प्रस्ताव को यूक्रेन ने मान लिया है। हालांकि अभी तक रूस की तरफ से इस प्रस्ताव को ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है, लेकिन अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि रूस भी जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को मान ले, जिससे युद्ध को रोकने की दिशा में अन्य कदम उठाए जा सके। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) पहले कई मौकों पर कह चुके हैं कि वह शांति-वार्ता के लिए तैयार हैं पर ऐसे किसी भी सीज़फायर को ग्रीन सिग्नल नहीं देंगे जिससे रूस की सुरक्षा पर खतरा बने। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी देने पर लगी रोक को रूस पर दबाव बनाने के लिए हटाया है, जिससे रूस भी सीज़फायर प्रस्ताव पर अपनी सहमति जाहिर कर दे।