महिला ने बताई आपबीती
पोपी ने बताया कि पहले लगातार दो हफ्ते तक पीरियड हुए। फिर यह सिलसिला करीब तीन साल तक जारी रहा। कई डॉक्टर्स से इलाज कराया। कई टेस्ट और दवाओं के बाद भी ब्लीडिंग जारी रही।
जांच में उसके अंडाशय पर गांठें पाई गईं। ऐसा क्यों हुआ, पता नहीं चल पाया। पोपी ने कहा, मेरे आयरन का लेवल कम पाया गया। मांसपेशियों में ऐंठन और हड्डियों में दर्द रहता था। लगातार सिरदर्द भी महसूस होता था।
डिप्रेशन का हुई शिकार
एक वर्ष से अधिक समय तक लगातार रक्तस्राव से जूझने के कारण, पोपी की हताशा और निराशा गहरी होती गई, भले ही उसने कई जांच, उपचार और दवाएं आजमाईं। एमआरआई (MRI) और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट भी रक्तस्राव के कारण का पता लगाने में असफल रहे। लंबे समय तक चले इलाज से कोई राहत न मिलने के कारण उसका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ, जिससे वह अवसाद में डूब गई। ‘बाइकॉर्नुएट’ बीमारी से परेशान
एमआरआइ और अल्ट्रासाउंड में पोपी की रहस्यमय
बीमारी के बारे में पता चला। मेडिकल भाषा में इसे ‘बाइकॉर्नुएट’ कहा जाता है। इसमें असामान्य कोशिकाएं विकसित होने से गर्भाशय दो भागों में बंट जाता है। इससे असामान्य ब्लीडिंग, दर्द समेत सेहत से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं। रिपोट्र्स के मुताबिक गर्भाशय दो भागों में बंट जाने की समस्या दुनिया में पांच फीसदी से भी कम महिलाओं में होती है।
इन लक्षणों पर करें डॉक्टरों से संपर्क
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक प्रसव के उम्र की 14 से 25 फीसदी महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म का अनुभव होता है। आमतौर पर यह बड़ी चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर अनियमित मासिक धर्म लगातार बना रहे या इसके साथ मांसपेशियों में दर्द या ज्यादा ब्लीडिंग जैसे लक्षण भी हों तो डॉक्टर से सलाह लेने में देर नहीं करनी चाहिए।