सरकार को 48 घंटे की मोहलत
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 104 बंधकों को मुक्त कराया, जिनमें पुरुष और महिलाएं शामिल थे। हालांकि, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने यात्री ट्रेन में फंसे हुए हैं। बीएलए ने इस अपहरण की जिम्मेदारी लेते हुए सरकार को 48 घंटे की मोहलत दी है। उनकी मांग है कि बलोच राजनीतिक कैदियों और लापता लोगों को रिहा किया जाए, जिन्हें वे सेना द्वारा अगवा किए गए मानते हैं। मांगें पूरी न होने पर उन्होंने ट्रेन को पूरी तरह नष्ट करने और 10 बंधकों को मारने की धमकी दी है। यह भी पढ़ें
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बंधकों को बना रहे ढाल
सुरक्षा बलों का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार, रातभर चली मुठभेड़ में 30 से अधिक विद्रोही मारे जा चुके हैं, और ऑपरेशन अभी भी पूरे जोर-शोर से चल रहा है। आतंकियों ने बंधकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिसके चलते सुरक्षा बलों को बेहद सावधानी बरतनी पड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ आत्मघाती हमलावर बंधकों के बीच बैठाए गए हैं, जो स्थिति को और जटिल बना रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की मदद से हमले कर रही है, लेकिन दुर्गम इलाके और बंधकों की मौजूदगी के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।प्रधानमंत्री बोले- कुर्बानी को याद रखा जाएगा
बीएलए ने दावा किया है कि उन्होंने अब तक 20 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है, हालांकि सरकार ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। इस बीच, बलूचिस्तान सरकार ने सिबी अस्पताल में आपातकाल घोषित कर दिया है और राहत ट्रेन के साथ एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेजी गई हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना को “दहशतगर्दी का नया रूप” करार देते हुए कहा कि जवानों की कुर्बानी को याद रखा जाएगा। सुरंग में खड़ी जाफर एक्सप्रेस अब एक युद्ध का मैदान बन चुकी है, जहां हर पल तनाव बढ़ता जा रहा है। क्या सरकार विद्रोहियों की मांगें मानेगी या सैन्य कार्रवाई तेज करेगी, यह देखना बाकी है। अभी के लिए, बलूचिस्तान की यह जंग अनिश्चितता के साये में आगे बढ़ रही है।