बाबा हुजूर ने अकीदतमंदों को बांटी मुराद, तकरीर में नफरत करने वालों को किया ताकीद
मोहर्रम का पर्व जिला मुख्यालय सहित, मानपुर, चंदिया, पाली, नौरोजाबाद में भाईचारे एवं सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर इमामबाड़ा उमरिया में बाबा हुजूर की तशरीफ आमद हुई। बाबा हुजूर की सवारी मुरादगाह स्थल पहुंची जहां मुरादियों को बाबा हुजूर ने मुराद बांटी। इसके बाद जामा मस्जिद में बाबा हुजूर ने जियारत की।बाबा […]
उमरिया•Jul 22, 2024 / 12:24 pm•


मोहर्रम का पर्व जिला मुख्यालय सहित, मानपुर, चंदिया, पाली, नौरोजाबाद में भाईचारे एवं सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर इमामबाड़ा उमरिया में बाबा हुजूर की तशरीफ आमद हुई। बाबा हुजूर की सवारी मुरादगाह स्थल पहुंची जहां मुरादियों को बाबा हुजूर ने मुराद बांटी। इसके बाद जामा मस्जिद में बाबा हुजूर ने जियारत की।
बाबा हुजूर के चाहने वालों ने उनका दीदार कर मन ही मन अपनी एवं अपने परिवार के लिये खैर मकदम की दुआएं मांगी। जगह-जगह अपनी नजरे इनायत करते हुए बाबा हुजूर जामा मस्जिद से गांधी चौक पहुंचे जहां बड़ी संख्या में जायरीनों ने बाबा हुजूर का दीदार किया। उसके बाद बाबा हुजूर खलेसर से होते हुए स्थानीय कर्बला घाट पहुंचे जहां बाबा हुजूर की सवारी ठण्डी हुई। उनके साथ साथ चल रहे अकीदतमंद जन सैलाब के हक में बाबा हुजूर ने खैर मकदम की दुआएं की। बाबा हुजूर ने अपनी तकरीर से लोगों को खुदा की इबादत कर सबसे पहले नेक इंसान बनो एवं नफरत करने वालो को ताकीद किया। बाबा हुजूर की सवारी में बड़ी संख्या में जायरीन साथ में चल रहे थे। स्थानीय गांधी चौक में बाबा हुजूर की सवारी के दौरान लोग स्थानीय दुकानों की छतों, मार्ग पर खड़े हुए थे, जो बाबा हुजूर की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई दिए। इस दौरान जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के द्वारा समुचित व्यवस्था के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
कौमी एकता का प्रतीक है मोहर्रम का पर्व
जिले में सभी त्यौहार को आपसी भाईचारे के साथ मनाने की परंपरा रही है। उसी परिप्रेक्ष्य में मोहर्रम का पर्व भी कौमी एकता के साथ मनाया जाता है । मोहर्रम के पर्व में मुस्लिम भाइयों के साथ साथ हिंदू धर्मावलंबी भी शामिल होते हैं। इसके साथ ही दूसरे जिलों से भी कई जायरीन मोहर्रम का पर्व देखने उमरिया पहुंचते हैं और बाबा हुजूर की सवारी में शामिल होते हैं।
ताजियों का कर्बला घाट में किया विसर्जन
मोहर्रम पर्व के अवसर पर जिले में विभिन्न प्रमुख स्थानों पर ताजिया रखी गई थी। बाबा हुजूर की सवारी के साथ साथ ताजिया भी निकाली गई। ताजिया विभिन्न मार्गो से होते हुए स्थानीय कर्बला घाट पहुंची, जहां इनका विसर्जन किया गया। मोहर्रम के आखिरी दिन स्थानीय इमामबाड़े में दसवें दिन भी शेरो ने हाजिरी लगाई। इसके बाद गली गली जाकर नृत्य किया तथा बाबा हुजूर की सवारी उठने के पहले शेर ठण्डे हो गये। मोहर्रम के बाद तिजमा का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय कर्बला घाट में मेले का आयोजन किया जाएगा, बाबा हुजूर गाजे बाजे के साथ खलेसर होते हुए कर्बला घाट पहुंचेगे एवं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद बाबा हुजूर कैंप होते हुए पुन: इमामबाड़ा पहुंचेगे। विदित हो कि तिजमा के पर्व पर भी बाबा हुजूर के साथ उनके चाहने वाले बड़ी संख्या में उनके साथ चलते हैं।
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