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उदयपुर

नियमों को ताक पर रखकर पास की गई प्लानिंग पर गिरी गाज, पहले अधिकारी नपे, अब प्लान व पट्टे निरस्त

यूडीए क्षेत्र के राजस्व गांव नलाफलावाड़ा ढिकली और भुवाणा के रूपनगर में जारी प्लान जांच में मानी गड़बड़ियां, ऑडिट टीम ने मानी थी 530 करोड़ की राजस्व हानि, सभी प्लानिंग शहर के पॉश इलाकों में, बड़े भू-कारोबारियों में मचा हड़कंप

उदयपुरMar 31, 2025 / 05:24 pm

अभिषेक श्रीवास्तव

उदयपुर. यूडीए के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर पास की गई प्लानिंग पर आखिरकार गाज गिर गई। मामले में तत्कालीन अधिकारियों के नपने के बाद यूडीए ने कई प्लान व पट्टे निरस्त कर दिए तो कुछ को सुनवाई का अवसर देते हुए नोटिस थमाए हैं। यूडीए अधिकारियों ने राजस्व गांव नलाफलावाड़ा ढिकली और भुवाणा के रूपनगर की समस्त प्लानिंग को नियम विरुद्ध माना है। ये सभी प्लानिंग शहर के पॉश इलाकों में रसूखदारों की निकली है, जिन्होंने खुलकर टाउनशिप पॉलिसी का उल्लंघन किया। तत्कालीन अधिकारियों ने इनके फ्री होल्ड पट्टे जारी कर रसूखदारों को अनावश्यक लाभ पहुंचाया और न्यास की सरकारी भूमि का कम दर पर आवंटन कर राजस्व हानि पहुंचाई।
यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने बताया कि इन सभी प्लान में ऑडिट टीम ने 530 करोड़ की राजस्व हानि के आक्षेप लगाए हैं। राज्य सरकार ने इस सम्पूर्ण मामले की जांच के बाद यूआइटी के तत्कालीन सचिव नितेन्द्र पाल सिंह, राजेश जोशी सहित पांच जनों को निलंबित कर दिया। पहले चरण में जिन अधिकारियों पर गाज गिरी, उनके द्वारा अनुमोदन किए ले-आउट प्लान व पट्टे निरस्त कर दिए हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के 25 जनवरी के अंक में रूपनगर के कई प्लान में गड़बड़ियां और भूमि के ले-आउट प्लान में राजस्व हानि पर अधिकारियों व भू-व्यवसायियों में मचा हड़कंप शीर्षक से खबरें प्रकाशित की गई थी। खबरों में नलाफलावाड़ा ढिकली और रूपनगर भुवाणा में ऑडिट द्वारा प्लान अनुमोदन, आवंटन-पत्र एवं लीज डीड जारी करने में राजस्व की हानि पहुंचाने के आक्षेप उजागर किए थे।

ये की प्लान में गड़बड़ियां

– राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी 2010 के तहत 60 फीसदी से अधिक योजना क्षेत्र पर भूखंडों के पट्टे नियम विरुद्ध जारी किए गए।

– ईडब्ल्यूएस व एलआइजी के लिए आवास नहीं छोड़कर नियमों का उल्लंघन किया।
– राजस्व गांवों के अलग-अलग टुकड़ों को अनुचित रूप से एकीकृत करके टाउनशिप के रूप में ले-आउट अनुमोदन किया, जो नियम विरुद्ध था।

– योजना क्षेत्र में फ्री होल्ड पट्टे जारी कर प्लानरों को अनावश्यक लाभ पहुंचाया।
– न्यास की सरकारी भूमि को कम दर पर आवंटन कर राजस्व हानि पहुंचाई।

– जमीनों पर नियम विरुद्ध प्लान का अनुमोदन किया गया।

– कई प्लान ऐसे थे, जिनमें 10 प्रतिशत आबादी होना अनिवार्य थी, लेकिन खाली जमीनों में आबादी दिखाई।
– नियम विरुद्ध कई प्लान में 10 प्रतिशत से अधिक जमीन दर्शाई गई।

ये थे प्लान, इनमें ये की कार्रवाई

1. राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) आराजी नम्बर 4173, 4174 से 4181 व अन्य
– कुल भूमि- 2.61 हेक्टेयर

– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 63.86 करोड़

– भूखंड व प्लान मालिक- महेन्द्र पोरवाल, शांता कोठारी, शांतादेवी मारू, अनु मेहता/शांति मेहता

– नतीजा- यूडीए ने 24 जनवरी 2023 को पहले अनुमोदित प्लान निरस्त किया। अब जारी आवंटन पत्र/पट्टे निरस्त।
2. राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) आराजी संख्या- 4161 से 4163

– कुल भूमि- 1.4500 हेक्टेयर

– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 21.83 करोड़

– भूखंड व प्लान मालिक- चिराग मारू, शांतिलाल मारू, श्रेयांश मेहता, सिद्धांत मेहता, दिनेश मेहता
– नतीजा- यूडीए ने 4 अगस्त 2023 को पहले अनुमोदित प्लान निरस्त किया। अब जारी आवंटन पत्र/11 पट्टे निरस्त।

3. राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) आराजी संख्या- 3799,3800,3801 व अन्य

– कुल भूमि- 4.0018 हेक्टेयर
– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 42.34 करोड़

– भूखंड व प्लान मालिक-गोविंद अग्रवाल, राजेश खमेसरा व अन्य

– नतीजा- प्रारंभिक स्तर पर प्लान में गड़बड़ियां मानी। सुनवाई का अवसर देने के लिए आवेदकों को नोटिस।
4. राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) आराजी- 4304 से 4328, 4363/4325 व अन्य

– कुल भूमि- 3.8775 हेक्टेयर

– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 34.97 करोड़

– नतीजा- प्रारंभिक स्तर पर प्लान में गड़बड़ियां मानी। सुनवाई का अवसर देने के लिए आवेदकों को नोटिस।
5. राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) आराजी संख्या- 3639 से 3684 व अन्य

– कुल भूमि-16.1095 हेक्टेयर

– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 143.30 करोड़

– भूखंड व प्लान मालिक-गोविंद अग्रवाल व अन्य
– नतीजा- अनुमोदित प्लान को निरस्त किया गया।

6. राजस्व ग्राम भुवाणा- आराजी संख्या-1748 से 1750, 4775/1751 व अन्य

– कुल भूमि- 3.5200 हेक्टेयर

– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 31.24 करोड़
– भूखंड व प्लान मालिक- शांतिलाल मेहता व अन्य

– नतीजा- अनुमोदित प्लान को किया निरस्त

7. राजस्व ग्राम नला फला- खसरा संख्या- 41,42, 5127/43 व अन्य

– कुल भूमि- 14.7313 हेक्टेयर
– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 49.57 करोड़

– भूखंड व प्लान मालिक- शांतिलाल मेहता व अन्य

– नतीजा- प्रकरण में गड़बड़ियां आई सामने, निर्णय के लिए प्राधिकरण की आगामी बैठक में रखे जाने का फैसला।
8. राजस्व ग्राम गोवर्धनविलास – खसरा संख्या- 135 मीन, 1056/132 व अन्य

– कुल भूमि- 34.200 हेक्टेयर

– ऑडिट टीम ने लगाई आक्षेप राशि- 90.78 करोड़

– भूखंड व प्लान मालिक-शांतिलाल सिंघवी व अन्य
– नतीजा- प्रकरण में गड़बड़ियां आई सामने, नोटिस किए जारी।

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