Dadi Ratanmohini Last Rites: पर्यटन स्थल माउंट आबू में बुधवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका 101 वर्षीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी की बैकुंठी यात्रा के दौरान पुष्प अर्पित करने वालों की आंखें नम हो गई। हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सवेरे साढे आठ बजे आबूरोड शांतिवन से बैकुंठी यात्रा आरंभ हुई, जो माउंट आबू प्रवेशद्वार वाहन कर नाके से होते हुए सीधे संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर पहुंची।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी, ज्ञान सरोवर निदेशिका प्रभा दीदी सहित संगठन के अन्य सदस्यों ने दादी के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा मेडिटेशन किया। जिसके बाद दादी की बैकुंठी को संस्था के अस्पताल ले जाया गया, जहां अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा, अस्पताल के अन्य चिकित्सकों सहित स्टाफ ने दादी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बैकुंठी संगठन के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय पांडव भवन परिसर में पहुंचने पर दादी रतनमोहिनी की पार्थिव देह को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हिस्ट्री हॉल में रखा गया। जहां संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके शशिप्रभा, राजयोग वरिष्ठ प्रशिक्षिका बीके शीलू बहन, अतिरिक्त सचिव बीके मृत्युंजय, अन्य पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग पूर्व अध्यक्ष जस्टिस वी. ईश्वरैय्या सहित संगठन के अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों ने पुष्प अर्पित कर नम आंखों से श्रद्धा के पुष्प अर्पित किए।
आज होगा अंतिम संस्कार
पाण्डव भवन से दादी की बैकुंठी ओम शान्ति भवन से होते हुए संगठन के सनसेट मार्ग स्थित आध्यात्मिक संग्रहालय पहुंची। मार्ग में शहर के गणमान्य नागरिकों ने दादी रतनमोहिनी को पुष्पांजलि अर्पित की। जिसके उपरांत दादी की पार्थिव देह को तपोवन, आनंद सरोवर, मनमोहिन वन सहित विभिन्न परिसरों में ले जाया गया। बाद में शांतिवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में दर्शनार्थ रखा गया। गुरुवार को शांतिवन परिसर में सरस्वती कॉटेज के सामने दादी की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।