ये जिले रहे अव्वल
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की रैंकिंग में 55 अंकों के साथ चूरू व 54.75 अंकों के साथ सीकर के पहले व दूसरे स्थान के बाद 53.72 अंकों सहित सवाईमाधोपुर तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद 52.77 अंक सहित हनुमानगढ़ का चौथा व 52.36 अंक के साथ कोटा का पांचवा स्थान रहा।
ये रहे फिसड्डी
रैंकिंग में 29.65 अंकों के साथ बांसवाड़ा जिला सबसे फिसड्डी रहा है। इसी तरह 42.67 अंक सहित धोलपुर, 44.38 अंकों वाला बीकानेर, 45.00 अंकों सहित बाड़मेर व 47.05 अंकों के साथ जैसलमेर निचले पांच पायदानों पर रहे।
इस आधार पर होती है रैंकिंग
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग चार आधारों पर तय करता है। ये आधार शैक्षिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधाएं हैं। इसमें शैक्षणिक श्रेणी के 100, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के 20-20 तथा आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय हैं। शैक्षणिक श्रेणी के अंकों को 7, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के अंकों को 3-3 तथा आधारभूत सुविधाओं के अंकों को 2 बिंदुओं में बांटा गया है। इस तरह कुल 150 अंकों में से जिलों को उनके कार्यों के हिसाब से अंक दिए जाते हैं।
इनका कहना है-
राज्य स्कूल शिक्षा परिषद की मार्च महीने की रैंकिंग में सीकर जिला .25 अंक के मामूली अंतर से पहले स्थान से चूका है। स्कूल से लेकर पीईओ, ब्लॉक व जिला स्तर तक के सभी अधिकारी व कर्मचारी इस संबंध में अच्छा काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस महीने की रैंकिंग में जिला फिर प्रथम स्थान पर काबिज हो जाएगा। राकेश लाटा, एडीपीसी, समसा, सीकर