दरअसल, घटना 3 अप्रैल की है, जब बत्तीसी संघ द्वारा मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा था। इस दौरान संघ के सदस्यों और मंदिर के पुजारियों के बीच कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई और मारपीट में बदल गई। मुख्य पुजारी प्रकाश पाराशर के अनुसार, संघ के सदस्यों ने न सिर्फ पुजारियों के साथ बदसलूकी की, बल्कि मंदिर ट्रस्ट कार्यालय में तोड़फोड़ भी की गई।
इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पुलिसकर्मियों और संघ के सदस्यों को पुजारियों से अभद्र व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है।
पुजारियों की बैठक के बाद निर्णय
घटना के बाद पुजारी समुदाय और साधु-संतों की बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि जब तक मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक जीणमाता मंदिर के दर्शन बंद रहेंगे। पुजारियों का कहना है कि 10 दिन बीतने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनता और श्रद्धालुओं में भी आक्रोश बढ़ रहा है। मंदिर आस्था और इतिहास का प्रतीक
गौरतलब है कि शेखावाटी की कुलदेवी के रूप में पूजनीय श्री जीण माता मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी अत्यंत खास है। मान्यता है कि यहीं कपिल मुनि ने तपस्या की थी और इस शक्तिपीठ के आगे मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने भी घुटने टेक दिए थे। खाटू श्याम मंदिर की नज़दीकी के चलते यह क्षेत्र हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का संगम स्थल बनता है।