जानें वायरल ऑडियो में क्या ?
वायरल ऑडियो में भाजयुमो (BJYM Leader) नेता मयूर दुबे (Mayur Dubey) और थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे (TI Omkareshwar Thakre) के बीच जो बातचीत हुई है, उसमें दुबे हिंदुत्व के नाम पर गलत काम करने के लिए फंसाने के लिए एक कहानी गढ़ते सुनाई दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि, ‘जितने अपने दुश्मन हैं ना जो हिंदुत्व की आड़ में गलत काम करते हैं, उनको लपेटने के लिये सबको मिलकर एक कहानी बनाएं, अपन उसमें अंडरग्राउंड रूप से आपकी सहायता लगेगी…बताओ ना… कुछ नहीं है… जो गौ तस्कर रहते हैं, बाहर प्रदेशों के वो चाहिएं अपने को… ठीक है ना… पैसे देंगे, अपन सब खर्चा करेंगे उनको 4-5 नंबरों पर पैसे डालना है और व्हाट्सऐप मैसेज करना है… तुम्हारे पर्सनल नंबर पर डाल रहा हूं… अब कहीं गाड़ी रुकना नहीं चाहिए… हां… हां… ये एडवांस है, बाकी पैसा कैश देंगे… बाद में इन लोगों को घसीटकर पीटेंगे, जिन्होंने आपके खिलाफ शिकायत की या मेरे खिलाफ सिंडिकेट बनाया।’
दूसरी क्लिप भी वायरल
इसके साथ ही एक और ऑडियो वायरल हो रहा है, इस ऑडियो में थाना प्रभारी भाजयुमो नेता से यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (VHP) और सहयोगी संगठनों के शीर्ष नेताओं को सिवनी के कुछ लोगों, खासकर माधव दुबे और दीपक यादव की गलत गतिविधियों की जानकारी दी है।
सिवनी इतना अहम क्यों
दरअसल मध्य प्रदेश का सिवनी महाराष्ट्र की सीमा से लगा है और इसे अन्य राज्यों से महाराष्ट्र और हैदराबाद के लिए हो रही गौ तस्करी का प्रमुख मार्ग माना जाता है। वहीं MP पुलिस मुख्यालय की ओर से जून 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2024 के बीच प्रदेशभर में गौ तस्करी और अवैध वध के 500 से ज्यादा मामले सामने आए थे। इनमें सबसे ज्यादा 55 केस सिवनी में ही दर्ज किए गए थे। यहां उस वक्त 99 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी। गिरफ्तार किए इन लोगों के पास से 1301 पशु भी बरामद किए गए। पशुओं के साथ ही 38 वाहन भी जब्त किए गए थे।
यूपी और राजस्थान से नागपुर और हैदराबाद ले जाए जाते हैं पशु
एमपी पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 70 फीसदी मामलों में पशुओं को यूपी और राजस्थान से नागपुर और हैदराबाद ले जाया जाता है, इन मामलों में सिवनी जैसे जिले ट्रांजिट पॉइंट होते हैं। वहीं 30 फीसदी मामलों में स्थानीय तस्कर शामिल पाए जाते हैं।
सिवनी में पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
बता दें कि मई 2022 में सिवनी के कुरई क्षेत्र में गौ मांस मिलने के बाद कथित तौर पर गौ रक्षकों ने दो गोंड आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जून 2024 में, सिवनी के धनोरा और काकरतला के जंगलों में 54 गौवंशों के शव पाए गए थे। इनके सिर और अंग काट दिए गए थे। इस घटना से पूरे जिले में भारी तनाव फैला था और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों के बाद कलेक्टर और एसपी को भी बर्खास्त कर दिया गया था।
अब सवाल ये
भाजयुमो और हिंदू संगठनों खास तौर पर गौ रक्षकों के बीच आंतरिक टकराव, अंतरराज्यीय गौ तस्करों और कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत तथा कुछ पुलिस अधिकारियों की RSS और VHP के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच, ये ऐसे सवाल हैं जो इस मामले की वजह से चर्चा में आ सकते हैं।
एएसपी के नेतृत्व में जांच के आदेश
इस मामले में सिवनी के पुलिस अधीक्षक (SP Seoni) का कहना है कि ‘सुबह मामला मेरे संज्ञान में आया’। ऑडियो की प्रामाणिकता जांचने के लिए एएसपी के नेतृत्व में जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले में निष्पक्षता बनी रहे, इसलिए थाना प्रभारी को हटाया गया है। नोट: हालांकि पत्रिका इस ऑडियो क्लिप की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। पत्रिका के पास दोनों ही ऑडियो उपलब्ध हैं, लेकिन अपशब्दों के प्रयोग के कारण इन्हें इनपुट में शामिल नहीं किया गया है।