लोक अदालत में बैंक और फायनेंस कंपनी के कुल 2276 प्रीलिटिगेशन प्रकरण रखे गए, जिसमें 214 का निराकरण कर 14 लाख 11 हजार 282 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। इसके अलावा 400 संपत्तिकर और 450 जलकर के प्रकरण में 132 का निराकरण कर 4 लाख 77 हजार 439 रुपए का अवार्ड पारित किया। न्यायालयों के लंबित एनआइए 138 प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर 1 करोड़ 24 लाख 69 हजार 950 रुपए का अवार्ड पारित किया गया और सिविल प्रकरणों में 1 लाख 31 हजार 454 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। कुल 141 प्रकरणों का निराकरण हुआ। साथ ही प्रथम जिला न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार कुंडू के न्यायालय में लंबित एचएमए प्रकरण में 16 फरवरी 2022 को हुए विवाह के बाद जयकुमार और रोशनी अहिरवार में झगड़ा होने से अलग-अलग रहने लगे थे और पति पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को समझाइश देकर सुलह कराई। इसके बाद दोनों ने माला पहनाई और जीवनभर साथ रहने का संकल्प लिया।
पति, पत्नी के बीच कराई सुलह
जेएमएफसी मीनाक्षी शर्मा जोशी के न्यायालय में लंबित एमजेसीआर प्रकरण में विवाह के बाद ममता यादव और गजेन्द्र यादव के बीच पांच साल से चल रहे प्रकरण में सुलह करई। पति-पत्नी के बीच विवाद के चलते पत्नी ने अधिवक्ता रंजना यादव के माध्यम से भरण पोषण का प्रकरण लगाया था। न्यायालय ने दोनों को समझाइश दी और कहा कि बच्चे को काबिल बनाने के लिए परिवार का अच्छा वातावरण, माता-पिता का प्यार जरूरी होता है। इसके बाद दोनों ने एक, दूसरे को माला पहनाकर बच्ची के अच्छे भविष्य के लिए जीवन भर साथ रहने का संकल्प लिया।
भाईयों के बीच कराई सुलह
न्यायिक मजिसट्रेट प्रथम श्रेणी शरद जोशी ने मां के आंवला उठाने को लेकर दो भाईयों के बीच चल रहे विवाद में सुलह कराई। भावनात्मक समझाइश के बाद छोटे भाई ने बड़े भाई के पैर छूकर माफी मांगी और दोनों परिवार के बीच की दूरी खत्म हो सकी।