भगवान के भजन के बगैर होता है मन व्याकुल: कथा व्यास
दादा दरबार धाम में आयोजित कथा, कथा में मां की महिमा का बखान करते हुए आपने कहा कि हमारा प्रथम भगवान मां है।
दादा दरबार धाम में आयोजित कथा में कथा व्यास नीलमणि दीक्षित गुरुवार को कहा कि भगवान के भजन में जिसे आनंद आने लगे तो फिर वह भजन के बिना व्याकुल होने लगता है। जब भजन स्मरण की ऐसी स्थिति आ जाती है तो फिर धीरे-धीरे ईश्वर की अनुभूति होने लगती है। कथा में हमारा मन न भी लगे, तो भी कथा सुनिए। धीरे-धीरे कथा मधुर लगने लगेगी और समझ में भी आने लगेगी। अभ्यास से सब कुछ संभव हो जाता है। आगे कथा में मां की महिमा का बखान करते हुए आपने कहा कि हमारा प्रथम भगवान मां है। रामकथा में मुख्य यजमान संकल्प प्रजापति, नितिश प्रजापति, राघवेंद्र प्रजापति हैं। कथा में जय दादा दरबार सेवा मंडल के चंद्रभान तिवारी, जयकुमार शुक्ला, अनिल दुबे, अरूण तिवारी, रामगोपाल लहरिया व नितिन कोरपाल मौजूद रहे।
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