इस बार बदली हुई व्यवस्था में मंदिर के अंदर केवल भगवान को अर्पित करने वाला प्रसाद बनाया जाएगा। वहीं श्रद्धालुओं के भोग की व्यवस्था अलग रहेगी। मंदिर में भगवान को प्रसाद अर्पित होने के बाद उसे रसोई में निर्मित किए जाने वाले प्रसाद में मिला दिया जाएगा। ऐसे में सभी श्रद्धालुओं को भगवान को अर्पित प्रसाद ही मिलेगा। 2500 वर्ग फीट के डायनिंग हॉल में 250 लोग बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। यहां पर श्रद्धालुओं को बैठने के लिए जमीन में चौकी सुविधा होगी और पूरे बुंदेली सम्मान के साथ भोजन कराया जाएगा।
राम राजा मंदिर में व्यारी और बाल भोग के लिए लोग पहले से बुकिंग करते हैं। इसके साथ ही यहां पर श्रद्धालुओं को मिलने वाला महाप्रसाद (बेसन के लड्डू)की सबसे अधिक डिमांड है। ऐसे में साल-दर-साल यहां पर प्रसाद बनाने की मात्रा बढ़ती जा रही है।
पिछले तीन सालों में लगा प्रसाद
वर्ष कुल श्रद्धालु सेवा की राशि
2024 3,19,847 2,75,36,095
2023 3,29,563 2,61,30,265
2022 3,01,361 2,11,87,200