दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित जाति जनगणना से जुड़े कार्यक्रम में पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने मऊगंज जिले के गडरा गांव में बीती 15 मार्च को हुई हिंसा को स्वाभिमान से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि, अशोक कोल की मौत के बाद उससे जुड़े लोगों के भीतर का जज्जा जागा और आदिवासियों ने टीम बनाई, जिसने मारा था उसके घर में जाकर काट दिया और पुलिस पर भी हमला कर दिया, इसमें पुलिस का एक ब्राह्मण मारा गया। इस घटना में दो ब्राह्मण और एक कोल मारा गया। उस कोल को हम धन्यवाद देते हैं, जिसने अपने मान सम्मान के लिए ये घटना किया है। इसी की जरूरत है, कब तक सहते रहोगे।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
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घटना पर पहले से बना है सामाजिक तनाव
बीती 15 मार्च को मऊगंज जिले के गडरा गांव में हुई हिंसा में आदिवासियों ने गांव के ही राहिल उर्फ सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर उसकी हत्या की थी, जिसे बचाने पहुंचे पुलिस बल पर भी हमला बोल कर एएसआई रामचरण गौतम को भी मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना से पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। ब्राह्मण संगठनों ने प्रदेश भर में आंदोलन किया। रीवा बंद का भी आह्वान किया गया। सामाजिक तनाव के बीच सरकार ने कलेक्टर-एसपी को बदल दिया है। अब एक बार फिर मामला शांत हो रहा था, जिस पर पूर्व सांसद के बयान से तनाव बढ़ सकता है।कई पार्टियां बदल चुके हैं बुद्धसेन
बसपा से पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल कई पार्टियां बदल चुके हैं। बसपा से विधायक और सांसद चुने जाने के बाद समाजवादी पार्टी, परिवर्तन पार्टी, तेलांगाना राष्ट्र समिति, भाजपा सहित अन्य कई दलों से होकर फिर बसपा में वापसी की है। भाजपा में प्रदेश संगठन में मंत्री के दायित्व पर लंबे समय तक रहे हैं। पूर्व में चुरहट (सीधी) से विधानसभा का चुनाव अजय सिंह राहुल के खिलाफ भी लड़ चुके हैं। यह भी पढ़ें- Heat wave Alert : एमपी में भीषण गर्मी का अलर्ट, इस तारीख के बाद चलेगी ‘लू’, देखें अपडेट