पूर्व सांसद का विवादित बयान, मऊगंज हिंसा को ठहराया सही, दिल्ली से एमपी तक मचा बवाल, Video
Controversial Statement : पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने विवादित बयान दिया है। मऊगंज हिंसा को पूर्व सांसद ने सही ठहराया। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का वीडियो वायरल, मामले की जांच में जुटी पुलिस।
Controversial Statement :मध्य प्रदेश के रीवा जिले से बसपा के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक ऐसा बयान दिया है, जिसने दिल्ली से लेकर एमपी तक विवाद खड़ा कर दिया है। बता दें कि पूर्व सांसद का ये भाषण रीवा से पिछले दिनों अलग हुए मऊगंज जिले के गडरा गांव में हुई हिंसक घटना से जुड़ा है, जिसके चलते एक बार फिर लोगों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी है। पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल के भाषण का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पुलिस भी अब इस भाषण की जांच में जुट गई है कि, आखिर पूर्व सांसद द्वारा इसे किस संदर्भ में दिया गया है।
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित जाति जनगणना से जुड़े कार्यक्रम में पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने मऊगंज जिले के गडरा गांव में बीती 15 मार्च को हुई हिंसा को स्वाभिमान से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि, अशोक कोल की मौत के बाद उससे जुड़े लोगों के भीतर का जज्जा जागा और आदिवासियों ने टीम बनाई, जिसने मारा था उसके घर में जाकर काट दिया और पुलिस पर भी हमला कर दिया, इसमें पुलिस का एक ब्राह्मण मारा गया। इस घटना में दो ब्राह्मण और एक कोल मारा गया। उस कोल को हम धन्यवाद देते हैं, जिसने अपने मान सम्मान के लिए ये घटना किया है। इसी की जरूरत है, कब तक सहते रहोगे।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
इसके अलावा जाति जनगणना के मुद्दे को लेकर भी पूर्व सांसद ने कई ऐसी बातें कही, जिस पर आगे आपत्तियां आने की संभावना है, लेकिन मऊगंज की घटना को लेकर जो बयान उन्होंने दिया है उसपर विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर तेजी से लोग इस बयान की निंदा कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि, ऐसे बयान से वर्ग संघर्ष की स्थिति निर्मित हो सकती है। सोशल मीडिया के जरिए लोगों ने एफआईआर दर्ज कराने की भी बात कही है।
बीती 15 मार्च को मऊगंज जिले के गडरा गांव में हुई हिंसा में आदिवासियों ने गांव के ही राहिल उर्फ सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर उसकी हत्या की थी, जिसे बचाने पहुंचे पुलिस बल पर भी हमला बोल कर एएसआई रामचरण गौतम को भी मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना से पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। ब्राह्मण संगठनों ने प्रदेश भर में आंदोलन किया। रीवा बंद का भी आह्वान किया गया। सामाजिक तनाव के बीच सरकार ने कलेक्टर-एसपी को बदल दिया है। अब एक बार फिर मामला शांत हो रहा था, जिस पर पूर्व सांसद के बयान से तनाव बढ़ सकता है।
कई पार्टियां बदल चुके हैं बुद्धसेन
बसपा से पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल कई पार्टियां बदल चुके हैं। बसपा से विधायक और सांसद चुने जाने के बाद समाजवादी पार्टी, परिवर्तन पार्टी, तेलांगाना राष्ट्र समिति, भाजपा सहित अन्य कई दलों से होकर फिर बसपा में वापसी की है। भाजपा में प्रदेश संगठन में मंत्री के दायित्व पर लंबे समय तक रहे हैं। पूर्व में चुरहट (सीधी) से विधानसभा का चुनाव अजय सिंह राहुल के खिलाफ भी लड़ चुके हैं।
डीजीपी ने सोशल मीडिया पर निगरानी का दिया है निर्देश
मऊगंज में हिंसा के बाद सीएम के निर्देश पर डीजीपी कैलाश मकवाना घटना स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर भी पुलिस निगरानी करेगी। बीते कई दिनों से लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं जाहिर कर रहे हैं। इस मामले में अब तक पुलिस ने किसी पर एफआईआर दर्ज नहीं की है। जबकि लगातार जातीय संघर्ष के हालात पैदा करने वाले बयान सोशल मीडिया पर आ रहे हैं। पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल का भी वीडियो तेजी से वायरल किया गया है और कई लोगों ने उन पर भी आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है।
पूर्व सांसद की सफाई
इधर, मामले पर विवाद बढ़ने पर बसपा से पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल का कहना है कि, दिल्ली में जाति जनगणना से जुड़ा एक कार्यक्रम था, जहां लोग पूछ रहे थे कि मऊगंज में क्या घटना हुई है। उसी घटनाक्रम को बताया है। हमारी किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की मंशा नहीं है। ब्राह्मण समाज में हमारे भी अच्छे संबंधी हैं। इस बयान को गलत नजरिए से नहीं लेना चाहिए।
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