scriptअफीम उत्पादकों के लिए बड़ी खबर, अब खुद हार्वेस्ट करें अपनी फसल, जटिल नियम से मुक्ति | opium producers news now harvest your crop yourself freedom from complex rules | Patrika News
रतलाम

अफीम उत्पादकों के लिए बड़ी खबर, अब खुद हार्वेस्ट करें अपनी फसल, जटिल नियम से मुक्ति

Opium Producers News : असमंजस में थे मालवा के किसान। अब उपज हार्वेस्टिंग कर सकेंगे अफीम उत्पादक। जटिल नियम से मुक्ति का सांसद सुधीर गुप्ता ने जारी किया वीडियो..।

रतलामApr 22, 2025 / 12:39 pm

Faiz

Opium Producers News
Opium Producers News : देश के सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्र मालवा में अफीम उत्पादक किसानों को अब उपज हार्वेस्ट करने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जिन गांवों में चयनित किसानों के खेतों का निरीक्षण हो गया है, वहां किसान स्वयं अफीम के डोडे और पोस्ता दाना की हार्वेस्टिंग कर सकेंगे। इसमें अफीम उत्पादक और सीपीएस पद्धति वाले किसान भी शामिल किए गए है।
मध्य प्रदेश के अंतर्गत आने वाले मालवा क्षेत्र के मंदसौर, नीमच और रतलाम समेत सभी अफीम उत्पादक क्षेत्र के किसान इस बात को लेकर लंबे समय से असमंजस में थे कि खेत में सूख चुकी फसल को वह कब हार्वेस्ट किया जाए, क्योंकि नारकोटिक्स विभाग के चले आ रहे जटिल नियमों और संभावित निरीक्षण को लेकर किसानों में एकरुपता नहीं है। यही कारण है कि किसानों को चीरा लगाए हुए डोडे और बिना चीरा लगाए हुए डोडे की फसल की सूखने के बाद भी खेत में रहकर निगरानी करना पडती है।

बड़े स्तर पर होती है अफीम की खेती

देश के सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्र मंदसौर, जावरा और नीमच में अफीम की परंपरागत खेती वर्षों से की जाती है। जिसके लिए केंद्र सरकार प्रति वर्ष अफीम नीति लागू कर पट्टे देती है। नारकोटिक्स विभाग की देखरेख में किसान अफीम की खेती कर डोडे में चीरा लगाते हैं और अफीम की निर्धारित मात्रा विभाग के तौल केंद्र पर तौलते है। वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार के नारकोटिक्स विभाग ने सीपीएस प्रणाली पर 10 आरी के पट्टे जारी कर किसानों को केवल पोस्ता दाना उत्पादन लेने और डोडा डंठल सहित 200 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें- पैसों का लेनदेन करते वक्त सावधान! बाजार में आ गए हूबहू असली जैसे नकली नोट

घर ले जा सकते हैं फसल

मंदसौर-नीमच-जावरा से सांसद सुधीर गुप्ता का कहना है कि, किसान अपनी सूख चुकी फसल को हार्वेस्ट कर सकते हैं। गुप्ता के अनुसार, गांव में चयनित किसानों के यहां विभाग का सर्वे किया जाता है। जिन गांवों में चयनित किसानों के यहां निरीक्षण हो चुका है, वहां के किसान अपनी फसल को नारकोटिक्स विभाग के नियमानुसार हार्वेस्ट कर सकते हैं और अपने घर ले जा सकते हैं। बाद में नारकोटिक्स विभाग के निर्देश पर अपनी फसल को वह बेचने के लिए ले जा सकेंगे।
यह भी पढ़ें- महादेव घाट पर बड़ा हादसा, पुल से 50 फीट नीचे गिरी बोलेरो, 6 लोगों की मौत कई गंभीर

अफीम खेती के लिए दिए जाते हैं पट्टे

नारकोटिक्स विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी संजय मीणा के अनुसार, इस साल नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले में कुल 54,751 पट्टे किसानों को दिए गए हैं, जिसमें नियमित यानी चीरा लगाने वाले पट्टाधारकों की संख्या 25,270 और सीपीएस पद्धति यानी चीरा नहीं लगाने वाले किसानों की संख्या 29,481 हजार पट्टे दिए गए हैं।

Hindi News / Ratlam / अफीम उत्पादकों के लिए बड़ी खबर, अब खुद हार्वेस्ट करें अपनी फसल, जटिल नियम से मुक्ति

ट्रेंडिंग वीडियो