समय पर भर्ती नहीं किया, नवजात की मौत
नगर के कालिका माता रोड निवासी कृष्णा पिता देवीलाल ग्वाला ने गुरुवार दोपहर सैलाना एसडीएम मनीष जैन को शिकायती पत्र देकर बताया कि उनकी गर्भवती पत्नी को 23 मार्च को सुबह 9 बजे डिलीवरी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां मौजूद नर्स ने चेकअप के बाद बताया कि प्रसव में अभी दो-तीन दिन का समय है और उन्हें वापस घर जाने की सलाह दी गई। गर्भवती को लेकर कृष्णा घर लौट आए, लेकिन उसी रात 23 और 24 मार्च की दरमियानी रात 1 बजे उनकी पत्नी को फिर से तेज प्रसव पीड़ा हुई। वे तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इस बार भी ड्यूटी पर तैनात नर्स ने चेकअप कर 15 घंटे का समय बताया और भर्ती करने से इनकार कर दिया। मजबूरन वे अपनी पत्नी को फिर घर ले आए।
ठेलागाड़ी पर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुआ प्रसव
24 मार्च को प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई, तो कृष्णा अपनी पत्नी को किसी तरह ठेलागाड़ी पर अस्पताल लेकर जाने लगे। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में प्रसव हो गया और नवजात की मौत हो गई। इस घटना से परिवार में शोक की लहर है और उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इसकी जिम्मेदार ठहराया है।
एसडीएम से शिकायत, जांच का आश्वासन
परिजनों ने एसडीएम सैलाना मनीष जैन को शिकायत पत्र सौंपकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में एसडीएम मनीष जैन ने कहा,कालिका माता रोड निवासी कृष्णा का शिकायती आवेदन मिला है, जिसमें उन्होंने अपने नवजात की मृत्यु के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मामले की पूरी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। दो दिन पहले सोशल मीडिया पर भी इस तरह की जानकारी सामने आई थी, जिसके बाद मैंने सीएचएमओ रतलाम को अवगत करा दिया था।” यह घटना सरकारी अस्पतालों में लापरवाही की एक और मिसाल बन गई है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। पीड़ित परिवार अब न्याय की मांग कर रहा है और प्रशासन ने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।