सेवानिवृत्त
शिक्षक पुनरद दास साहू ने कहा कि मुझसे प्रेरणा लेकर,मेरे परिवार के सदस्यों सहित 144 लोगों ने अपने शरीर दान करने का संकल्प लिया है। मेरे परिवार के 8 सदस्यों ने अपने शरीर दान कर दिए हैं। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि किसी और के काम आने से बड़ा कोई आशीर्वाद नहीं है। यह सबसे बड़ा ‘दान’है। मैंने 14 अक्टूबर 2014 को अपना शरीर दान कर दिया था और तब से,मैं इस बारे में जागरूकता बढ़ा रहा हूं।
ससुर से प्रेरणा लेकर लिया फैसला महिला सूर्योन्ति साहू ने बताया कि अपने ससुर से प्रेरणा लेकर,हमारे परिवार के 8 सदस्यों ने अपने शरीर दान कर दिए हैं। मरने के बाद मेरा शरीर दूसरों के काम आएगा, इसलिए मैंने अपना शरीर दान कर दिया है। परिवार के एक और सदस्य विष्णु दास साहू ने कहा कि मैंने अपने पिताजी से प्रेरणा ली है। हम जीते जी अपने शरीर का इस्तेमाल करते हैं,लेकिन अगर मरने के बाद हमारा शरीर दूसरों के काम आ सके,तो यह अच्छी बात होगी। इसीलिए मैंने अपना शरीर दान कर दिया है।