script11वीं की छात्राओं ने 500 रुपए में बनाया ड्रेनेज वॉटर रीयूज का मॉडल, जानें कैसे करेगा काम | Water Day: Class 11 girl students made a model of drainage water reuse for Rs 500 | Patrika News
रायपुर

11वीं की छात्राओं ने 500 रुपए में बनाया ड्रेनेज वॉटर रीयूज का मॉडल, जानें कैसे करेगा काम

Water Day: सीबीएसई नेशनल साइंस कॉपीटिशन में 11वीं की छात्राओं ने 500 रुपए में ड्रेनेज वॉटर रीयूज का मॉडल बनाकर पेश किया। बताया कि कैसे बारिश की पानी को रीयूज किया जा सकता है…

रायपुरMar 22, 2025 / 12:29 pm

चंदू निर्मलकर

Water day
Water Day: ताबीर हुसैन. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। रहीम के इस दोहे से पानी की महत्ता समझ में आती है। आज के दौर में पानी की बचत के साथ ही दूषित पानी का फिर से इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। राजधानी के एक निजी स्कूल में 11वीं की छात्राओं ने एक ऐसा साइंस मॉडल तैयार किया है जिससे सड़क किनारे नालियों के पानी का रीयूज किया जा सकेगा। यह मॉडल सीबीएसई के नेशनल साइंस कॉपीटिशन में भी एग्जीबिट किया गया था। जाह्नवी राठी और रीत पहूजा ने बताया, जब हम इस प्रोजेक्ट को बना रहे थे तब दसवीं में थे। इसे बनाने में हमें 400 रुपए से लेकर 500 रुपए तक खर्च आया है।

ऐसे करेगा काम

हमारे देश की सड़कें अक्सर टेढ़ी होती हैं। उससे सटी नालियों का पानी पाइप के जरिए जमीन में गड़े टैंक में जाएगा। वहां नेचुरल फिल्टर रेत और पत्थर के जरिए वह साफ होगा और अंडर ग्राउंड रखी टंकी का पानी पाइप से वापस लिया जा सकेगा। इस पानी का इस्तेमाल खेती-किसानी में किया जा सकेगा।
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इन चीजों से बनाया

रीत ने बताया, कार्डबोर्ड और स्ट्रॉ हमने घर में पड़े कार्डबोर्ड के वेस्ट से लिए हैं। सोलर पैनल, नेट, विंडमिल और एलईडी खरीदे हैं, वो सब 400-500 रुपए में आ गए थे। पेंट और अन्य सामग्री स्कूल से ही मिल गई थी।

धरसींवा ब्लॉक क्रिटिकल कैटेगरी में

देवपुरी स्थित सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर डॉ. प्रबीर कुमार नायक ने बताया, राजधानी की सीमा में कुल 1630 उद्योग, 330 अधोसंरचनाएं और 25 खनन क्षेत्र हैं। लघु उद्योगों के अंतर्गत आने वाले 1799 उद्योगों,खनन, अधोसंरचना को 10 केएलडी पानी की आवश्यकता है। 168 उद्योगों,खनन, अधोसंरचना को मध्यम श्रेणी में और 13 उद्योगों, खनन, अधोसंरचना को बड़े पैमाने के अंतर्गत आते हैं।
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा वाणिज्य और उद्योग के लिए प्रति व्यक्ति पानी की आवश्यकता 135 लीटर प्रतिदिन आंकी गई है। हालांकि क्षेत्र के प्रमुख उद्योग सरफेस वाटर का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन कई उद्योगों के पास खुद का ग्राउंड वाटर एक्सट्रक्शन है, जिससे भूजल की खपत बढ़ गई है। सभी नए उद्योगों को सतही जल का 100% उपयोग करना चाहिए क्योंकि धरसीवां ब्लॉक भूजल स्तर में कमी को रोकने के लिए गंभीर श्रेणी में है। सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (अपार्टमेंट,होटल,शैक्षणिक संस्थान,अस्पताल) में सतही जल के लिए नगर निगम जल आपूर्ति के कनेक्शन होने चाहिए।

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