JEE Main Exam: बेस बनेंगे प्रीवियस पेपर
हर परीक्षा का बेस प्रीवियस पेपर होते हैं। जेईई परीक्षा में भी 10 से 15 साल पुराने पेपर्स सॉल्व करना सॉलिड बेस बन सकते हैं। पेपर सॉल्विंग के दौरान जिन पोर्शन में अटकाव या मुश्किल हो रही है, उसे ड्रॉप करना ही बेहतर होगा। उसके बदले किसी अन्य ऑप्शन की तैयारी करें। डेढ़ महीने बाद होगा जेईई एडवांस
सेशन 2 के लगभग डेढ़ महीने बाद 18 मई को जेईई एडवांस का पेपर होगा। मेंस सेशन-2 देते ही छात्रों को एडवांस की तैयारी में जुटना होगा। यदि वे एडवांस क्रैक भी नहीं कर पाते हैं, तब कैंडिडेट्स के पास एनआईटी में दाखिले का ऑप्शन मिल ही जाएगा। जेईई मेंस के दोनों सेशन में स्टूडेंट्स के जिसमें बेस्ट परसेंटाइल आएंगे वे संबंधित संस्थान में दाखिले के लिए दावेदार होंगे।
एक्स्ट्रा क्लास नहीं, सेल्फ स्टडी
एक्सपर्ट के. सिंह ने कहा कि छात्रों को एक्स्ट्रा कोचिंग और क्रैश कोर्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। इस बीच कोई नए प्रयोग भी ना करें। सेल्फ स्टडी पर फोकस करें और खुद के शॉर्ट नोट्स से रिवीजन करें। प्रीवियस क्वेश्चन पेेपर्स को लगातार सॉल्व करते रहें।