411 करोड़ का CGMSC घोटाला, 2 GM, डिप्टी डायरेक्टर सहित 5 आरोपी भेजे गए EOW की रिमांड पर
CGMSC Scam: इन सभी अधिकारियों को पूछताछ के लिए शुक्रवार को EOW दफ्तर बुलाया गया था। जिसके बाद उन्हें देर शाम पकड़ लिया गया। वहीं आज रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया..
CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ CGMSC में 411 करोड़ घोटाला मामले में 5 अधिकारियों को EOW ने गिरफ्तार कर रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने पांचों आरोपियों को महाप्रबंधक (उपकरण) के पद पर रहे बसंत कुमार कौशिक, जीएम (उपकरण) कमलकांत पाटनवार, बायोमेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बांधे, छिरोद रौतिया और स्वास्थ्य विभाग स्टोर इंचार्ज डॉ. अनिल परसाई को 7 दिन के लिए EOW की रिमांड पर सौंप दिया है।
बता दें कि इन सभी अधिकारियों को पूछताछ के लिए शुक्रवार को EOW दफ्तर बुलाया गया था। जिसके बाद उन्हें देर शाम पकड़ लिया गया। वहीं आज रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद ईओडब्लू की रिमांड पर सौंप दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, CGMSC घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों ने सरकार को 411 करोड़ रुपए का कर्जदार बना दिया। IAS, IFS समेत अफसरों ने मिलीभगत कर सिर्फ 27 दिनों में 750 करोड़ रुपए की खरीदी कर ली। इस केस में मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा EOW की रिमांड पर है।
CGMSC के अधिकारी, मोक्षित कार्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज और सीबी कार्पोरेशन ने 8 रुपए में मिलने वाला EDTA ट्यूब 2,352 रुपए और 5 लाख वाली CBS मशीन 17 लाख में खरीदी। मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने 300 करोड़ रुपए के रीएजेंट भी खरीदा।
ऐसे हुआ था खुलासा
दरअसल, दिसंबर 2024 में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने दिल्ली में PMO, केंद्रीय गृहमंत्री कार्यालय, CBI और ED मुख्यालय जाकर CGMSC में घोटाले की शिकायत की थी। ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद केंद्र से EOW को निर्देश मिला। इसके बाद EOW की टीम ने 5 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की।
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