आग की लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए सभी वनमंडलाधिकारी और फिल्ड में तैनात अमले को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आग की सूचना मिलने पर तत्काल उसे बुझाने कहा गया है, ताकि समय रहते ही उसे रोकने के साथ ही आग पर काबू पाया जा सकें। बता दें कि पिछले 14 सालों में लगातार आगजनी की घटनाओं में 149 फीसदी का इजाफा हुआ है। जहां 2006 में 99 स्थानों में आग लगी थी। वहीं, 2024 में 14776 और पिछले 75 दिनों में रोजाना औसतन 108-109 स्थानों पर आग लगी है।
CG News: लापरवाही से आग की घटनाएं रोकने की पहल
जंगलों में आग की लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए वन कर्मियो, फायर वाचर्स, वन ग्राम समितियों और तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रशिक्षण देने कहा गया है। ताकि अप्रैल से तेन्दूपत्ता की तुड़ाई शुरू होने पर संग्राहकों की लापरवाही से आग की घटनाओं को रोका जा सकें। बता दें कि तेन्दूपत्ता संग्राहण करने वालों के द्वारा बीड़ी-सिगरेट पीकर
लापरवाहीपूर्वक फेंकने और महुआ संग्रहण करने वालों द्वारा महुआ के पेड़ के नीचे आग लगाने के कारण उसके फैलने से आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसे देखते हुए सभी को समझाइश देने के साथ ही कडी़ कार्रवाई करने के चेतावनी दी जा रही है। ताकि जंगलों को आगजनी से बचाया जा सकें।
कार्रवाई होगी
पीसीसीएफ एवं वनबल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव ने कहा की आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अमले को अलर्ट रहने कहा गया है। साथ ही इससे निपटने के लिए विभागीय अमले को प्रशिक्षण देने कहा गया है। वहीं, आग लगने की घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।