बॉयलर में रिसाव होना बना कारण
परियोजना में कुल छह यूनिटें संचालित होती हैं, जिनमें से पांच यूनिटें 210 मेगावाट और एक यूनिट 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है। शनिवार की रात यूनिट संख्या चार के बॉयलर में रिसाव होने के कारण उसे तत्काल बंद करना पड़ा। इसके तुरंत बाद, पहले से बंद पड़ी तीसरी यूनिट को पुनः चालू करने की कोशिश की गई, लेकिन उसमें सूट ब्लोअर कपलिंग टूटने से उसे भी रोकना पड़ा। इसी बीच पांचवीं यूनिट में भी तकनीकी खराबी आ गई और उसे भी बंद करना पड़ा।
920 मेगावाट बिजली उत्पादन की रह गई छमता
तीन यूनिटों के एक साथ बंद हो जाने से उत्पादन क्षमता में भारी गिरावट आई है और परियोजना पर दबाव बढ़ गया है। इंजीनियरों की टीमें सभी खराब यूनिटों की मरम्मत में जुटी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस समय केवल यूनिट नंबर एक, दो और छह से कुल मिलाकर लगभग 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो पा रहा है, जबकि पूरी परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता इससे कहीं अधिक है। परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी ऋषभ शर्मा ने जानकारी दी कि तीसरी और पांचवीं यूनिटों में ग्रिड अर्थिंग की समस्या के चलते उन्हें बंद करना पड़ा। हालांकि चौथी यूनिट को पुनः चालू कर दिया गया है और बाकी दो यूनिटों को भी जल्द ही शुरू करने की कोशिश की जा रही है।
ये राज्य होंगे प्रभावित
एनटीपीसी ऊंचाहार से जिन राज्यों को बिजली आपूर्ति होती है उनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। ऐसे में उत्पादन में गिरावट का असर इन सभी राज्यों की बिजली आपूर्ति पर पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि यदि जल्द ही सभी यूनिटें फिर से चालू नहीं की गईं, तो इन राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आ सकती है।