पढ़ाई को बोझ न बनाएं। एक सुव्यवस्थित अध्ययन योजना बनाकर सचेतनता का अभ्यास कर अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित करें। पर्याप्त नींद लेकर, सकारात्मक बने रहकर आत्मविश्वास और सहजता के साथ परीक्षा दे सकते हैं। – महिपाल कहरा, जांजगीर, छत्तीसगढ़
विद्यार्थी परीक्षा में बेहतर रणनीति व सकारात्मक सोच से तनाव कम करें। भारत में शिक्षा व्यवस्था प्रतियोगी और अधिक अंक प्राप्त करने की होड़ से प्रभावित है, इससे विद्यार्थी मानसिक तनाव, चिंता और आत्मविश्वास की कमी के शिकार हो सकते हैं। विद्यार्थियों के माता-पिता को अपने अनुभव से प्रभावी अध्ययन तकनीकी का उपयोग कर समय प्रबंधन, विषय अनुसार समय सारणी बनाकर अध्ययन पर ध्यान दें। – लेखाराम विश्नोई
विद्यार्थी परीक्षा के बढते दबाव के कारण डिप्रेशन में आ जाते हैं। आजकल प्रतियोगिता की होड़ में छात्रों पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। अर्थात वह अपनी अपेक्षा के विपरीत खुद को देखते ही असमर्थ महसूस करने लगते हैं। ऐसे समय में चाहिए कि पेरेंट्स छात्रों को पूरा सहयोग करें। उन पर अपनी महत्वाकांक्षाओं का बोझ डालने के बजाय उन्हें समझाएं कि कोई प्रतियोगी परीक्षा या किसी विषय को लेकर तनाव लेने की जगह निसंदेह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। साथ ही विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए नियमित रूप से योग और प्राणायाम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। संतुलित एवं पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना भी जरूरी है। – प्रकाश भगत, चांदपुरा, कुचामन सिटी
परीक्षा के तनाव को प्रबंधित करने के लिए खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। व्यायाम भी तनाव से राहत दिलाने में बहुत कारगर हो सकता है, इसलिए जब भी संभव हो कुछ शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें। आपको परीक्षा के तनाव से अकेले नहीं गुजरना पड़ेगा। सहायता के लिए दोस्तों, परिवार, शिक्षकों या सहपाठियों से संपर्क करें। – प्रवीन टेलर, प्रतापगढ़