scriptपहले चरण की 35 हजार कॉपियों मेंं से 7110 का ही हुआ मूल्याकंन | Out of 35 thousand copies of the first phase, only 7110 were evaluated | Patrika News
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पहले चरण की 35 हजार कॉपियों मेंं से 7110 का ही हुआ मूल्याकंन

20 दिन में पूरा करना था मूल्यांकन, दूसरे चरण में फिर पहुंची 43 हजार उत्तरपुस्तिकाएं

शाहडोलMar 25, 2025 / 12:31 pm

Ramashankar mishra

शहडोल. हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा 21 मार्च को समाप्त हो चुकी है। हायर सेकंडरी की परीक्षा अंतिम चरण पर है। बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्याकंन कार्य 13 मार्च शुरू हो चुका है। प्रथम चरण में 10 वीं एवं 12 वीं की 35 हजार उत्तरपुस्तिका मूल्याकंन के लिए भेजा गया था, जिसमें 7110 कॉपियों का ही मूल्याकंन हो पाया 27890 कॉपियों प्रथम चरण की जांचने के लिए शेष हैं। 21 मार्च को दूसरे चरण की 43500 उत्तर पुस्तिका फिर भेजी गई हैं, जिनके लिए विषयवार शिक्षक लगाए हैं। प्रथम चरण का मूल्यकांन कार्य 20 दिनों में पूरा करना था, लेकिन शिक्षकों की अनुपस्थित के कारण यह कार्य समय पर पूर्ण होते नहीं दिखाई दे रहा है।

दूसरे चरण में आई 43500 कॉपियां

प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरे चरण के मूल्याकंन में 43500 उत्तरपुस्तिकाओं को भेजा गया है। इसमें कक्षा 10वीं की संस्कृत एवं अंगे्रजी विषय एवं कक्षा 12 वीं में भौतिक शास्त्र, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल एवं कृषि की करीब 26500 कॉपियों को भेजा गया है। कॉपियों का मूल्यांकन कार्य तो शुरू किया गया है, लेकिन अभी तक कुछ कॉपियां चेक हो सकी हैं।

इन विषयों का हुआ मूल्याकंन

मूलयांकन कार्य इसबार एमएलबी हायर सेकेण्डरी स्कूल में किया जा रहा है। प्रथम चरण में हाई स्कूल हिन्दी विषय की 14000 हजार एवं हायर सेकेंडरी में हिन्दी व अंग्रेजी विषय की 21000 हजार कॉपी मूल्याकंन के लिए आई थी। कक्षा 10 वीं की 3340 एवं कक्षा 12वीं 3770 कॉपियों का मूल्याकंन कार्य किया गया।

शिक्षक नहीं ले रहे रुचि

शिक्षका विभाग से मिली जानकारी में बताया गया है कि प्रथम चरण में 51 शिक्षकों को लगाया था, लेकिन मूलयाकंन कार्य से करीब 17 शिक्षक अनुपस्थित रहे। इसमें हाई स्कूल के लिए 22 शिक्षकों की सूची भेजी बनाई गई थी, जिसमें 13 शिक्षक उपस्थित हुए थे। इसी प्रकार हायरसेकेंडरी के लिए 20 शिक्षकों की सूची मूल्यांकन केन्द्र भेजी गई थी, जिसमें 17 शिक्षक उपस्थित रहे। हालांकि अब शिक्षकों की संख्या धीरे-धीरे बढऩा बताया जा रहा है। लेकिन मूल्याकंन के शुरूआत में मूल्यांकनकर्ताओं के माध्यम से लापरवाही बरती गई है।
इनका कहना है
मूल्याकंन कार्य से पहले कुछ शिक्षक अनुपस्थित थे, जिसके कारण मूल्याकंन कार्य धीमी रही है। जैसे-जैसे बोर्ड परीक्षा समाप्ति की ओर है तो शिक्षकों की संख्या बढऩे लगी है।
एसके तिवारी, मूल्यांकन प्रभारी

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