जिसमें से 5,000 करोड़ रुपये केवल जमीन खरीद के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चलते लगातार देश-विदेश की कंपनियां निवेश को लेकर रुचि दिखा रही हैं। इसके चलते यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण लगातार विकास कार्यों की प्लानिंग कर रहा है। इसी के तहत अब लैंड बैंक तैयार करने की योजना पर काम शुरू किया गया है।
36 गांव गौतमबुद्धनगर में, 5 गांव अलीगढ़ में
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस योजना में गौतमबुद्धनगर यानी नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 36 गांव शामिल हैं। जबकि अलीगढ़ के 5 गांवों की भी जमीन खरीदी जाएगी। यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन किसानों से जमीन खरीदी जाएगी। उन्हें तीन माह के भीतर सात प्रतिशत आबादी भूखंड का आवंटन भी कर दिया जाएगा। जमीन रजिस्ट्री के दिन ही आबादी भूखंड आरक्षण पत्र सौंपा जाएगा। प्राधिकरण ने एक साल के भीतर सभी भूखंडों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने का दावा भी किया है। अलीगढ़ के टप्पल में बनेगा लॉजिस्टिक हब
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में 250 एकड़ में लॉजिस्टिक हब विकसित करने की योजना है। इसमें 12 वेयरहाउस और 6 से अधिक भंडारण केंद्र बनाए जाएंगे। इस परियोजना में 640 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। यमुना प्राधिकरण जल्द ही इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) भी जारी करने जा रहा है। यह लॉजिस्टिक हब क्षेत्र में 10,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगा। लॉजिस्टिक पार्क वेयरहाउस की तरह होता है। जहां आयात-निर्यात से संबंधित माल को किराये पर सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जाता है।
छह जिलों तक यमुना प्राधिकरण का विस्तार
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) का दायरा अब छह जिलों तक फैल चुका है। प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि पहले चरण में गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर में विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। अब फेज-2 के तहत मथुरा और अलीगढ़ को भी शामिल कर लिया गया है, जबकि फेज-3 में आगरा और हाथरस में विकास की तैयारी है। फेज-1 के तहत गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर जिलों में कुल 75,900 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है, जिसमें 226 गांव आते हैं। इनमें से 109 गांव शहरी क्षेत्र में आते हैं। वर्तमान में लगभग 24,000 हेक्टेयर भूमि पर विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे हैं।
फेज-2 के लिए मास्टर प्लान को मिली मंजूरी
फेज-2 में मथुरा और अलीगढ़ को जोड़ा गया है। मथुरा के 415 गांवों में 11,653.76 हेक्टेयर क्षेत्र पर राया अर्बन सेंटर विकसित किया जाएगा। वहीं, अलीगढ़ में 92 गांवों की 11,104.40 हेक्टेयर भूमि पर टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर का विकास किया जाएगा। इन दोनों योजनाओं के मास्टर प्लान को राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। जबकि फेज-3 में आगरा और हाथरस जिलों को विकास योजनाओं में शामिल किया गया है। आगरा के लिए ज़ोनल प्लान तैयार कर लिया गया है। जबकि हाथरस में प्रस्तावित विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।