पहली बार होगा इस तकनीक का अनुभव ई-3 सीरीज पुराना मॉडल है, जो जापान में ‘मिनी शिंकानसेन’ बुलेट सेवा में इस्तेमाल होता है। इसकी राइड क्वालिटी, एयरोडायनामिक डिजाइन और सेफ्टी फीचर्स बेहतरीन हैं। भारत को पहली बार शिंकानसेन टेक्नोलॉजी का अनुभव मिलेगा। इससे ई-10 सीरीज की तैयारी में तेजी आएगी, जो भविष्य में 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
रणनीतिक साझेदारी और दोस्ती शिंकानसेन सिर्फ तेज ट्रेन ही नहीं है। यह सुरक्षा, समयबद्धता और अत्याधुनिक इंजीनियरिंग का प्रतीक है, जो भारत में रेल बदलाव का बड़ा हिस्सा बनेगा। जापान इससे पहले ताइवान को भी शिंकानसेन टेस्ट ट्रेन तोहफे में दे चुका है। भारत को ट्रेनें देना जापान की रणनीतिक साझेदारी और दोस्ती का प्रतीक है।