सूत्रों की मानें तो सीएम रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को दूसरे प्रदेशों में चल रही ऐसी स्कीमों का अध्ययन करने को भी कहा है। ताकि ‘महिला समृद्धि योजना’ के लिए सही मापदंड स्थापित किए जा सकें। इस योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को 2500 सौ रुपये प्रति महीने सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारियों की रिपोर्ट मिलते ही दिल्ली की ‘रेखा सरकार’ इस योजना को दिल्ली में लागू करेगी।
गरीब परिवारों की महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
दरअसल, भाजपा ने
दिल्ली चुनाव 2025 में जारी किए गए संकल्प पत्र में बताया था कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद गरीब परिवारों की महिलाओं को 2500 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी। अब सरकार को जहां पात्र लाभार्थी के लिए गरीबी की ‘रेखा’ तय करनी है। वहीं अपात्रता तय करने के लिए अन्य शर्तें भी लागू करनी हैं। अब सवाल ये है कि अपात्र लोगों की पहचान करने वाली शर्तें क्या होंगी?
भाजपा शासित दूसरे राज्यों में लगाई गई हैं ये शर्तें
दिल्ली में ‘महिला समृद्धि योजना’ की पात्र लाभार्थी महिलाओं की पहचान के लिए दिल्ली की ‘रेखा सरकार’ दूसरे भाजपा शासित प्रदेशों का अनुसरण कर सकती है। इसमें सबसे पहली शर्त स्थानीय निवासी होने की हो सकती है। मध्य प्रदेश में भाजपा लाडली बहना योजना चला रही है। इसमें महिलाओं को 1250 रुपये की मासिक सहायता दी जाती है। इस योजना की पहली शर्त स्थानीय निवासी होना है। ऐसे में दिल्ली की ‘रेखा सरकार’ इसे लागू कर सकती है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी लागू है ये शर्त
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में
भाजपा सरकार महतारी वंदन योजना चला रही है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपये मासिक सहायता दी जाती है। छत्तीसगढ़ में भी महतारी वंदन योजना की पहली शर्त स्थानीय निवासी होना है। जबकि भाजपा शासित ओडिशा में भी ‘सुभद्रा योजना’ का लाभ भी स्थानीय निवासियों को ही दिया जाता है। ‘सुभद्रा योजना’ के तहत ओडिशा की महिलाओं को 10 हजार रुपये सालाना दिए जाते हैं। यानी पांच साल में पात्र महिला को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार भी उन महिलाओं को ही ‘महिला समृद्धि योजना’ का लाभ देने पर विचार कर रही है। जो दिल्ली की स्थानीय निवासी हैं या फिर जो यहां की मतदाता हैं।
शादीशुदा होना भी योजना की हो सकती है शर्त
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ‘महिला समृद्धि योजना’ के लिए शादीशुदा होने की शर्त भी लगा सकती है। दरअसल, भाजपा शासित छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की योजनाओं में यह शर्त लगाई गई है। इसके तहत राज्य की सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को ही ‘लाडली बहना योजना’ और ‘महतारी वंदन योजना’ की लाभार्थी मानी गई हैं। इसमें विधवा, छोड़ी गईं महिलाएं और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि ओडिशा की ‘सुभद्रा योजना’ के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई गई है। उम्र भी होगी योजना की पात्रता की मानक
दिल्ली की ‘महिला समृद्धि योजना’ के लिए रेखा सरकार दूसरे राज्यों के हिसाब से पात्र महिलाओं के लिए उम्र का मानक भी तय कर सकती है। इसके तहत मध्य प्रदेश की ‘लाडली बहना योजना’ के लिए न्यूनतम आयु 21 साल रखी गई है। जबकि छत्तीसगढ़ की ‘महतारी वंदन योजना’ ओडिशा की ‘सुभद्रा योजना’ के लिए भी 21 साल न्यूनतम आयु होने की शर्त रखी गई है। भाजपा शासित राज्यों के ट्रेंड को देखते हुए दिल्ली की ‘महिला समृद्धि योजना’ की पात्र महिलाओं के लिए भी उम्र का मानक तय किया जा सकता है।
आठ मार्च को जारी हो सकती है योजना की पहली किस्त
दिल्ली की रेखा सरकार ‘महिला समृद्धि योजना’ को जल्द ही लॉन्च करने की योजना बना रही है। दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 8 मार्च को महिला दिवस के मौके पर इस योजना की पहली किस्त जारी की जाएगी। यदि इस योजना का सफलतापूर्वक संचालन होता है तो यह दिल्ली की महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
महिला समृद्धि योजना के लिए ये दस्तावेज जरूरी
दिल्ली में ‘महिला समृद्धि योजना’ का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को जिन दस्तावेजों की जरूरत होगी। उनमें पहचान सत्यापन के लिए आधार कार्ड अति आवश्यक है। चूंकि ‘महिला समृद्धि योजना’ की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। ऐसे में बैंक खाते का आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है। इसके अलावा महिलाओं को योजना का लाभ उठाने के लिए आय प्रमाण पत्र देना होगा। ताकि यह साबित हो सके कि महिला का परिवार गरीब है। साथ ही राशन कार्ड भी योजना की पात्रता सत्यापन में सहायक होगा।