मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार डीटीसी की स्थिति को बेहतर करने का काम करेगी। घाटे में चल रही डीटीसी सरकार के राजस्व में योगदान देगी, जिससे दिल्ली के लोगों को अच्छी सुविधा मिल सकेगी। ‘फ्री’ बस यात्रा के नाम पर जो अब तक पूर्व की सरकार भ्रष्टाचार करती थी, अब हम महिलाओं को बस में सफर करने के लिए कार्ड मुहैया कराएंगे। इस कार्ड के माध्यम से वे किसी भी बस में आरामदायक सफर का आनंद उठा सकेंगी। बस बदलने के दौरान उन्हें हर बार पिंक टिकट लेने की जरूरत नहीं होगी। इससे जवाबदेही तय होगी। आज दिल्ली की जनता यह नहीं जानती है कि कितनी संख्या में महिलाएं ‘फ्री’ बस सेवा का लाभ ले रही हैं।
आईएएनएस के अनुसार, सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की पूर्व सरकार के घोटालों की वजह से 2015 में बसों की संख्या 4,344 थी, जो 2023 में घटकर सिर्फ 3,937 रह गई। अब इसमें और भी गिरावट आई है। अब क्या स्थिति है। हर चीज में घाटा है। ब्याज और दूसरे खर्चों की वजह से 60 करोड़ रुपये का घाटा अब बढ़कर 80 करोड़ रुपये हो गया है। ऑपरेशनल घाटा 14,000 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लिए 11,000 बसें अनिवार्य की थीं, लेकिन 2023 तक यह संख्या सिर्फ 3,937 रह गई। दिल्ली की पूर्व सरकार द्वारा यह प्रयास नहीं किया गया कि लोगों की सहूलियत को देखते हुए नई बसों की खरीद की जाए। लेकिन, यह भाजपा की सरकार है, हमें डीटीसी को दोबारा पटरी पर लाना होगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे।