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नई दिल्ली

दिल्ली में AAP का बड़ा ऐलान! चुनाव में नहीं उतारेगी मेयर उम्मीदवार, BJP से बिना लड़े स्वीकार ली हार

Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी दिल्ली एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। सोमवार को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की।

नई दिल्लीApr 21, 2025 / 12:13 pm

Vishnu Bajpai

Aam Aadmi Party: एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने छोड़ा मैदान, AAP नेताओं ने कहा- पार्षद तोड़ रही भाजपा

Aam Aadmi Party: एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने छोड़ा मैदान, AAP नेताओं ने कहा- पार्षद तोड़ रही भाजपा

Aam Aadmi Party: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सोमवार को बड़ी घोषणा करते हुए एमसीडी में मेयर चुनाव से किनारा कर लिया। इसके बाद दिल्ली का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर तोड़फोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा “दिल्ली में सत्ता को लेकर भाजपा की डिस्परेशन हम पिछले कई सालों से देख रहे हैं। नौ मार्च 2022 को चुनाव आयोग ने कहा कि पांच बजे शाम को एमसीडी के चुनाव घोषित किए जाएंगे।”

AAP नेताओं ने भाजपा पर लगाया गंभीर आरोप

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा “भाजपा ने चुनाव आयोग की घोषणा से पहले केंद्र सरकार और एलजी ने राज्य चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस रुकवा दी। तर्क दिया कि अभी हम चुनाव नहीं कराएंगे। इसके पहले हम डिलिमिटेशन करेंगे। दिल्ली की तीनों एमसीडी को एक करेंगे। इसके बाद एक से डेढ़ साल में चुनाव कराएंगे। डिस्परेशन था कि भाजपा एमसीडी में बुरी तरह हारने वाली थी। आम आदमी पार्टी को वोट देने के लिए लोग उतावले थे। इसलिए इसको टाल दिया गया। हदबंदी (Delimitation) के दौरान एक-एक वार्ड भाजपा के हिसाब से बनाया गया।”
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा “इसमें आम आदमी पार्टी के वोटर्स वाले वार्ड बड़े और भाजपा के समर्थक मतदाताओं वाले वार्ड छोटे-छोटे बनाए गए। ताकि एमसीडी में भाजपा पार्षदों की संख्या बढ़ाई जा सके। यह पूरी तरह से भ्रष्ट एक्सरसाइज केंद्र सरकार ने कराई। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिलीं और भाजपा को 104 सीटें मिलीं। इसके बाद स्टैडिंग कमेटी और मेयर के चुनाव में हुआ वो हम सबने देखा। आज जो सीएम बनी हैं रेखा गुप्ता वो माइक तोड़ रही थीं। मेयर पर अटैक किया गया। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया।”
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आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा “इसके बाद से हम लगातार देख रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों को साम दाम दंड भेद से भाजपा खींचने की कोशिश में लगी है। इसलिए हम लोगों ने एक फैसला किया कि हम इस बार मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार खड़ा नहीं करेंगे। भाजपा अपना मेयर बना ले।” सौरभ भारद्वाज ने एलजी को भाजपा का चौथा इंजन बताते हुए कहा “भाजपा एमसीडी में अपनी स्टैडिंग कमेटी भी बना ले और दिल्ली को बिना किसी बहाने बनाए चार इंजन की सरकार चलाए और दिल्ली वालों को दिखाएं।” उन्होंने स्‍पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र, राज्य और एमसीडी मिलाकर तीन इंजन की सरकार होती है। जबकि एलजी को भी मिलाकर चार इंजन होते हैं। हालांकि एलजी वाला इंजन कभी चलता है कभी बंद हो जाता है।

एमसीडी चुनाव को लेकर आतिशी ने क्या कहा?

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कालकाजी से AAP विधायक आतिशी ने कहा “भाजपा देशभर में जहां-जहां चुनाव हारती है। वहां-वहां पर साम दाम दंड भेद से पिछले दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती है। हमनें देश भर में देखा कि ऑपरेशन लोटस के माध्यम से चाहे गोवा हो, कर्नाटका हो, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र में दूसरी पार्टियों को तोड़कर भाजपा ने सरकार बना ली।”
आतिशी ने आगे कहा “दिल्‍ली में भी एमसीडी में करारी हार देखते हुए भाजपा पार्लियामेंट में एक एक्ट लेकर आई। एमसीडी को रियूनिफाई करने के लिए। इसमें मात्र एक बदलाव हुआ कि 272 से दिल्ली में ढाई सौ वार्ड हो गए। इसके अलावा चुनाव लेट कराने का बदलाव हुआ। एमसीडी के चुनाव को गुजरात के चुनाव के साथ करवाया गया। चूंकि आम आदमी पार्टी दोनों जगह चुनाव लड़ रही थी। इसलिए आम आदमी पार्टी की ताकत को डायवर्ट किया गया। फिर आम आदमी पार्टी ने एमसीडी में बहुमत हासिल किया।”

दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में ‘आप’ ने क्यों छोड़ा मैदान?

दिल्ली नगर निगम के वर्ष 2025-26 के कार्यकाल के लिए 25 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए चुनाव प्रस्तावित हैं। हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए आम आदमी पार्टी की हार लगभग तय मानी जा रही थी। इसी को देखते हुए ‘आप’ ने इस बार मेयर पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है और भाजपा को निर्विरोध जीत की राह दे दी है। वर्ष 2022 में हुए निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 134 और भाजपा ने 104 पार्षदों के साथ जीत दर्ज की थी।
हालांकि वर्तमान में निगम के सदन में गणित बदल चुका है। अब भाजपा के पास 117 पार्षद, 11 विधायक और सात लोकसभा सांसदों का समर्थन मिलाकर कुल 135 मत हैं। इसके मुकाबले आम आदमी पार्टी के पास 113 पार्षद, तीन विधायक और तीन राज्यसभा सांसदों के साथ कुल 119 मत हैं। कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं, जो संतुलन की स्थिति में निर्णायक भूमिका निभा सकते थे। संख्याबल में पिछड़ती दिख रही ‘आप’ ने लड़ाई में उतरने की बजाय मैदान से हटना ही उचित समझा, जिससे भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

भाजपा आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़कर ले गई

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी बोलीं “भाजपा लगातार पिछले ढाई सालों से एक के एक करके आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर दबाव बनाकर, डरा-धमकाकर तोड़कर ले गई। आम आदमी पार्टी इस तरह की राजनीति नहीं करती है। हम दिल्ली की जनता के जनादेश का सम्मान करते हैं। हम किसी विधायक या पार्षद को खरीदने में विश्वास नहीं रखते हैं। आज तोड़फोड़ करने के बाद भाजपा एमसीडी में बहुमत की स्थिति में है। इसलिए आम आदमी पार्टी मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि मेयर का चुनाव जीतने के लिए हमारे पास पार्षदों को खरीदने और तोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है और हम ऐसी राजनीति नहीं करते हैं।”
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“अब हम ये चाहते हैं कि भाजपा एमसीडी में भी अपनी सरकार बनाए। दिल्ली और केंद्र में तो उनकी सरकार है ही। ऐसे में ट्रिपल इंजन की सरकार चलाने का मौका भाजपा को मिल रहा है। अब उनकी ये जिम्मेदारी बनती है कि दिल्ली चाहे सुरक्षा व्यवस्‍था हो, पानी, बिजली और स्कूल समेत दिल्ली में सभी वादे भाजपा पूरे करे। पिछले कई दिनों से एमसीडी के नाम पर भाजपा बहाने बना रही है। अब भाजपा के पास कोई बहाना नहीं बचेगा। आम आदमी पार्टी जैसे दिल्ली विधानसभा में विपक्ष निभा रही है। वैसे ही एमसीडी में विपक्ष की भूमिका निभाएगी। भाजपा ने पार्षदों की तोड़फोड़ करके और खरीदकर एमसीडी में अपनी संख्या बढ़ा ली है। आम आदमी पार्टी एमसीडी के खेल में नहीं पड़ना चाहती है।”

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