scriptक्या था मनमोहन सिंह का वो ‘असल’ बयान? जिस पर PM मोदी की टिप्पणी से मचा बवाल | What was Manmohan Singh's 'real' statement? On which PM Modi's comment created a ruckus 02:54 PM | Patrika News
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क्या था मनमोहन सिंह का वो ‘असल’ बयान? जिस पर PM मोदी की टिप्पणी से मचा बवाल

PM Modi vs Ex PM Manmohan Singh: आज से 18 साल पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मुसलमानों पर ऐसा क्या कहा था जिस पर आज सियासत गर्म है।

नई दिल्लीApr 22, 2024 / 03:52 pm

Anish Shekhar

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के चुनाव संपन्न होते-होते देश की सियासत एक बार फिर मुसलमानों को लेकर गर्मा गई है। राजस्थान में एक सार्वजनिक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर सियासी हमला बोलने के लिए पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के 2006 के भाषण का सहारा लिया। पीएम मोदी ने दावा किया कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सरकार ने हिंदुओं से संपत्ति छीनकर मुसलमानों में बांटने की वकालत की थी। पीएम मोदी ने दावा किया, ”मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।” चलिए जानते हैं कि आखिर आज से 18 साल पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने ऐसा क्या कहा था जिस पर आज सियासत गर्म है।

2006 में मनमोहन सिंह ने दिया था ये बयान

9 दिसंबर, 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में एक बयान दिया गया था। उन्होंने कहा था कि “कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश, और सामान्य बुनियादी ढांचे की आवश्यक सार्वजनिक निवेश आवश्यकताओं के साथ-साथ एससी/एसटी, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए घटक योजनाओं को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं तैयार करनी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों में समान रूप से साझा करने का अधिकार हो। संसाधनों पर उनका पहला दावा होना चाहिए। केंद्र के पास अनगिनत अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनकी मांगों को समग्र संसाधन उपलब्धता के भीतर फिट करना होगा”।

बवाल पर पूर्ववर्ती सरकार ने दिया था ये स्पष्टीकरण

हालांकि, “मुसलमानों” से संबंधित भाग को संदर्भ से बाहर कर इसे एक अलग बयान के रूप में साझा किया गया है। उस वक्त विपक्ष में रही बीजेपी ने इसे लेकर यूपीए सरकार पर निशाना साधा था। विवाद के बाद, सरकार ने अगले दिन एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने जो कहा था उसकी “जानबूझकर और शरारतपूर्ण गलत व्याख्या” की गई थी। इसने उनके भाषण की प्रतिलेख को पुन: प्रस्तुत किया और कहा: “प्रधानमंत्री का ‘संसाधनों पर पहला दावा’ का संदर्भ ऊपर सूचीबद्ध सभी ‘प्राथमिकता’ क्षेत्रों को संदर्भित करता है, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं और बच्चों और अल्पसंख्यकों के उत्थान के कार्यक्रम शामिल हैं। ।” सरकार के स्पष्टीकरण में आगे कहा गया है: “हालांकि इस प्रक्रिया से समाज के बेहतर वर्गों को लाभ होगा, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के कल्याण पर विशेष ध्यान दे। प्रधान मंत्री ने कई अवसरों पर कहा है कि” भारत को अवश्य चमकना चाहिए, लेकिन सभी के लिए चमकना चाहिए।”

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