कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने, संयुक्त अभ्यास, क्षमता निर्माण, और सुरक्षा साझेदारी को विस्तार देने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। श्रीलंका में भारत के शांतिसेना भेजे जाने के करीब चार दशक बाद पहली बार रक्षा सहयोग बढ़ाने का समझौता हुआ है। इस रणनीतिक सहयोग के साथ भारत ने श्रीलंका को क्षेत्रीय स्थायित्व में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में जिक्र किया।
छह प्रमुख क्षेत्रोें में हुए समझौते
1- रक्षा सहयोग समझौता:- भारत और श्रीलंका के बीच सबसे पहला और सबसे अहम समझौता रक्षा सहयोग को लेकर हुआ। यह हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित है।
2- ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग: - भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ। इसमें त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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3- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन:- दोनों देशों के बीच सूचना-तकनीक और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य तकनीकी विकास में साझेदारी है।
- नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एक समझौता हुआ। सामपुर में 120 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल भूमिपूजन किया गया।
- स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा अनुसंधान में सहयोग के लिए एक समझौता हुआ। श्रीलंका और भारत के बीच दवा उद्योग में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ।
- श्रीलंका में सीता एलिया सहित कई मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए भारत ने सहयोग का भरोसा दिया है।
धार्मिक स्थलों पर 5000 सौर यूनिट, और 5000 एमटी कोल्ड स्टोरेज परियोजना का उद्घाटन किया गया।